मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने घर बुलाकर टॉपरों को सम्मानित किया
भोपाल:
मध्यप्रदेश में बोर्ड परीक्षा के नतीजे आ गए हैं लेकिन नतीजों से पहले मध्यप्रदेश में बोर्ड परीक्षा के नतीजे के ऐलान का आरोप एक बार फिर सरकार पर लगा है. विपक्ष इसे गोपनीयता भंग होना बता रहा है वहीं सरकार को लगता है इसमें कुछ ग़लत नहीं है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने घर बुलाकर टॉपरों को सम्मानित किया. रितिका गोयल 12वीं में दिव्यांग श्रेणी में टॉपर बनीं, बोल-सुन नहीं सकतीं लेकिन पढ़ाई में कोई कोताही नहीं बरती. पिता दीपक गोयल बताते हैं, 'राजगढ़ से भोपाल आना था सो नतीजे पहले बता दिये गये. रविवार को ही मालूम पड़ा, भोपाल आना है कल शाम को पता लगा, बहुत प्रसन्नता हो रही है.'
अकेले रितिका ही नहीं, पूरे प्रदेश से जिन बच्चों को सम्मानित किया जाना था उन्हें रिज़ल्ट आने से पहले, नतीजों के बारे में बता दिया गया. सरकार कहती है, रिजल्ट लीक नहीं होना चाहिये, इसे सुधारा जाएगा. वहीं विपक्ष का कहना है ऐसे मामलों में गोपनीयता भंग होने से शक पैदा होता है.
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने कहा, 'इस प्रकार का ट्रेंड नहीं होना चाहिये, होगा तो सुधार किया जाएगा.' वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा, 'बीजेपी किसी बात को गुप्त नहीं रखती, सबके पास जानकारी थी इसलिये सब इकट्ठे हो गये थे, गोपनीयता बरतना चाहिये, बच्चों को शक होता है कि इसमें भी कहीं गड़बड़ तो नहीं.'
पूरे राज्य से दसवीं, बारहवीं में लगभग 20 लाख बच्चों ने परीक्षा दी थी. 12वीं में 68 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं और 10वीं में 66 फीसदी. दोनों में लड़कियों ने लड़कों को एक बार फिर पछाड़ दिया.
अकेले रितिका ही नहीं, पूरे प्रदेश से जिन बच्चों को सम्मानित किया जाना था उन्हें रिज़ल्ट आने से पहले, नतीजों के बारे में बता दिया गया. सरकार कहती है, रिजल्ट लीक नहीं होना चाहिये, इसे सुधारा जाएगा. वहीं विपक्ष का कहना है ऐसे मामलों में गोपनीयता भंग होने से शक पैदा होता है.
स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने कहा, 'इस प्रकार का ट्रेंड नहीं होना चाहिये, होगा तो सुधार किया जाएगा.' वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा, 'बीजेपी किसी बात को गुप्त नहीं रखती, सबके पास जानकारी थी इसलिये सब इकट्ठे हो गये थे, गोपनीयता बरतना चाहिये, बच्चों को शक होता है कि इसमें भी कहीं गड़बड़ तो नहीं.'
पूरे राज्य से दसवीं, बारहवीं में लगभग 20 लाख बच्चों ने परीक्षा दी थी. 12वीं में 68 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं और 10वीं में 66 फीसदी. दोनों में लड़कियों ने लड़कों को एक बार फिर पछाड़ दिया.
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