प्रतीकात्मक तस्वीर
भोपाल:
महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में 4,882 की संख्या के साथ मध्यप्रदेश एक दफा फिर से देश के सभी राज्यों में सबसे पहले स्थान पर दर्ज किया गया है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (नसीआरबी) के मुताबिक मध्यप्रदेश इस मामले में गत वर्ष भी देश में पहले स्थान पर ही था. एनसीआरबी के जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 2017 में देश में 28,947 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना दर्ज की गयी. इसमें मध्यप्रदेश में 4882 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना दर्ज हुयी, जबकि इस मामले में उत्तर प्रदेश 4816 और महाराष्ट्र 4189 की संख्या के साथ देश में दूसरे और तीसरे राज्य के तौर पर दर्ज किये गये हैं. इसके साथ ही नाबालिग बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामले में भी मध्यप्रदेश देश में अव्वल स्थान पर है.
मध्यप्रदेश में इस तरह के 2479 मामले दर्ज किये गये जबकि इस मामले में महाराष्ट्र 2310 और उत्तरप्रदेश 2115 के आंकड़े के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है. पूरे भारत में 16,863 नाबालिग बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किये गये हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश में हम तत्परता से ऐसे मामले दर्ज करते हैं, इसलिये प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं की संख्या अधिक होती है.
उन्होंने कहा कि एनसीबीआर के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में वर्ष 2014 की तुलना में 28,756 से कम होकर वर्ष 2016 में 26,604 हुई है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश में कुल अपराधों की संख्या में भी कमी आयी है. वर्ष 2014 में जहां कुल 2.74 लाख अपराध दर्ज हुए थे, जबकि वर्ष 2016 में कुल 2.64 लाख अपराध दर्ज हुये. उन्होंने कहा कि देश की कुल आबादी का 6.2 प्रतिशत भाग मध्यप्रदेश में है और आबादी के लिहाज से हमारा प्रदेश देश में पांचवे स्थान पर है.
उन्होंने बताया, ‘‘वर्ष 2016 में हमने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 90 प्रतिशत आरोपियों के अभियोग पत्र अदालतों में पेश कर दिये हैं और इनमें से 3882 आरोपियों को सजा भी हो चुकी है.’’ बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश के देश में पहले स्थान पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘प्रदेशवासी फिर शर्मशार ...एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट में भाषणवीर मामा के राज में प्रदेश में बहनें - भांजियां सबसे ज़्यादा असुरक्षित....रेप में प्रदेश फिर देश में शीर्ष पर... झूठे जश्न मनाने वाली शिवराज सरकार की ये है हक़ीक़त.’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘‘मध्यप्रदेश में महिला सुरक्षा की ज़मीनी हक़ीक़त - बेहद शर्मनाक. 2016 में 4882 बलात्कार के मामले, मध्यप्रदेश फिर रेप के मामलों में नम्बर 1.’’ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस मामले में कहा कि एनसीबीआर के आंकड़ों से यह भी जाहिर होता है कि बलात्कार के अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़िता के पहचान वाले हैं. इसलिये यह एक सामाजिक समस्या है और इससे निपटने के लिये समाज के सभी वर्गों को आगे आकर प्रयास करने होंगे. प्रदेश सरकार इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिये वचनबद्ध है.
उन्होंने बताया, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथान के लिये प्रदेश सरकार विधानसभा के चालू सत्र में 12 साल की उम्र तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने के लिये कानून में बदलाव करने जा रही है. इससे जाहिर होता है कि बलात्कार की घटनाओं के प्रति प्रदेश सरकार अति गंभीर है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मध्यप्रदेश में इस तरह के 2479 मामले दर्ज किये गये जबकि इस मामले में महाराष्ट्र 2310 और उत्तरप्रदेश 2115 के आंकड़े के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है. पूरे भारत में 16,863 नाबालिग बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किये गये हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश में हम तत्परता से ऐसे मामले दर्ज करते हैं, इसलिये प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं की संख्या अधिक होती है.
उन्होंने कहा कि एनसीबीआर के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में वर्ष 2014 की तुलना में 28,756 से कम होकर वर्ष 2016 में 26,604 हुई है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश में कुल अपराधों की संख्या में भी कमी आयी है. वर्ष 2014 में जहां कुल 2.74 लाख अपराध दर्ज हुए थे, जबकि वर्ष 2016 में कुल 2.64 लाख अपराध दर्ज हुये. उन्होंने कहा कि देश की कुल आबादी का 6.2 प्रतिशत भाग मध्यप्रदेश में है और आबादी के लिहाज से हमारा प्रदेश देश में पांचवे स्थान पर है.
उन्होंने बताया, ‘‘वर्ष 2016 में हमने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 90 प्रतिशत आरोपियों के अभियोग पत्र अदालतों में पेश कर दिये हैं और इनमें से 3882 आरोपियों को सजा भी हो चुकी है.’’ बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश के देश में पहले स्थान पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘प्रदेशवासी फिर शर्मशार ...एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट में भाषणवीर मामा के राज में प्रदेश में बहनें - भांजियां सबसे ज़्यादा असुरक्षित....रेप में प्रदेश फिर देश में शीर्ष पर... झूठे जश्न मनाने वाली शिवराज सरकार की ये है हक़ीक़त.’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘‘मध्यप्रदेश में महिला सुरक्षा की ज़मीनी हक़ीक़त - बेहद शर्मनाक. 2016 में 4882 बलात्कार के मामले, मध्यप्रदेश फिर रेप के मामलों में नम्बर 1.’’ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस मामले में कहा कि एनसीबीआर के आंकड़ों से यह भी जाहिर होता है कि बलात्कार के अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़िता के पहचान वाले हैं. इसलिये यह एक सामाजिक समस्या है और इससे निपटने के लिये समाज के सभी वर्गों को आगे आकर प्रयास करने होंगे. प्रदेश सरकार इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिये वचनबद्ध है.
उन्होंने बताया, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथान के लिये प्रदेश सरकार विधानसभा के चालू सत्र में 12 साल की उम्र तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने के लिये कानून में बदलाव करने जा रही है. इससे जाहिर होता है कि बलात्कार की घटनाओं के प्रति प्रदेश सरकार अति गंभीर है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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