मध्य प्रदेश के शाजापुर में नए शिक्षण सत्र की शुरुआत हो चुकी है. प्रशासन ने जिले में कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक के संचालित सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वह बच्चों को किसी एक दुकान से यूनिफॉर्म, किताबें खरीदने के लिए मजबूर न करें. कलेक्टर कार्यालय में आयोजित निजी स्कूल संचालकों की बैठक में कलेक्टर किशोर कुमार कान्याल ने निर्देश दिए कि स्कूल संचालक बच्चों या उनके परिजनों से एक साथ फीस ना वसूलें और मासिक आधार पर ही बच्चों से शिक्षण शुल्क लिया जाए.
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कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि 3 साल से कम समय में यूनिफार्म में बदलाव ना करें और अगर बदलाव करना ज़रूरी हो तो पहले बच्चों के परिजनों से मिलकर सहमति बनाई जाए ताकि उनपर किसी तरह का आर्थिक बोझ ना आए. स्कूल यूनिफार्म और किताबें कोर्स खरीदने के लिए बच्चों के पास विकल्प उपलब्ध होने चाहिए और उन्हें किसी स्कूल द्वारा निर्धारित दुकान से शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए मजबूर न किया जाए.
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बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिए निर्देश
कलेक्टर किशोर कुमार कान्याल ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की बैठक में निर्देश दिए कि बच्चों की सुरक्षा में प्राथमिकता बरतें और स्कूल वाहन की फिटनेस, स्पीड गवर्नर, अग्निशमन यंत्र और अटेंडर जैसे सभी बुनियादी मापदंडों को पूरा किया जाना अनिवार्य है. इसी के साथ अगर स्कूल परिसर में खुले हुए कुएं, बावड़ी हैं तो उन्हें फेंसिंग के जरिए बंद किया जाए. बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और इस संबंध में किसी भी मामले पर फौरन जिला शिक्षा अधिकारी को सूचित किया जाए. इस बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे, डीपीसी राजेंद्र शिप्रे और प्राइवेट स्कूलों के संचालक प्राचार्य शामिल थे.
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