मध्यप्रदेश के पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा.
भोपाल:
शिवराज सरकार में पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटवा बैंक से कर्ज लेकर जानबूझकर उसे चुकाना नहीं चाहते, यह कहकर बैंक ऑफ बड़ौदा ने बकायदा उन्हें विलफुल डिफॉल्टर लिस्ट में डालकर उनके खिलाफ शोकाज नोटिस जारी किया है. बैंक ने पटवा आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड पर बकाया 36 करोड़ रुपये के मामले में ये नोटिस जारी किया है. सुरेन्द्र पटवा सहित उनके परिवार के पांच लोगों के खिलाफ भी शोकॉज नोटिस जारी किया गया है.
बैंक का कहना है कि मंत्रीजी की कंपनी पटवा ऑटोमोटिव ने लोन लिया, 36 करोड़ रुपये बकाया होने पर बैंक ने जनवरी में संपत्ति कुर्क की. पैसा देने 60 दिनों का वक्त दिया. नोटिस में यह भी लिखा है कि 18 फरवरी 2017 को कंपनी ने माना कि उसने पैसे का दूसरे कामों में इस्तेमाल किया. 15 दिन का वक्त देकर बैंक ने कहा है कि पैसे नहीं चुकाने पर उन्हें विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र : मंत्री जी का कर्ज माफ? विपक्ष ने सीएम फडणवीस पर उठाए सवाल
मंत्रीजी कह रहे हैं, उनकी पूरी कोशिश है लोन चुकता कर दें. पटवा ने कहा ''मैं विधायक हूं, मंत्री हूं, मतलब यह नहीं हो सकता कि मैं व्यवसाय नहीं कर सकता. बैंक को नोटिस नहीं देना था. यह बैंक का विषय है, ऑलरेडी हम बैंक को आठ दिन पहले ही जवाब दे चुके थे. जीआरसी के तहत हमको तीन डेट मिलती हैं. आरबीआई में भी यह कानून है. लेकिन बैंक ने एक पहली हेडिंग में ही 13 तारीख को ही नोटिस जारी कर दिया. इसके बारे में हम विस्तृत बात करेंगे.''
उधर कांग्रेस का आरोप है कि सिर्फ एक मंत्री नहीं पूरी सरकार जनता को छल रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा ''मेरे ख्याल से सारे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाना चाहते, क्यों उन्होंने जनता के विश्वास को छला है. विलफुल डिफॉल्टर सिर्फ पैसों का कर्ज नहीं है. मेरे ख्याल से अगर आप जनता के विश्ववास पर खरे नहीं उतरते तो भी..और ये स्थिति शिवराज कैबिनेट के हर मंत्री की है.''
VIDEO : मंत्री का 51 करोड़ का कर्ज माफ हुआ
बैंक ने पटवा को दो अगस्त को नोटिस भेजा था, लेकिन जब उसे स्वीकारा नहीं गया तो अखबारों में इसे छपवा दिया गया है.
बैंक का कहना है कि मंत्रीजी की कंपनी पटवा ऑटोमोटिव ने लोन लिया, 36 करोड़ रुपये बकाया होने पर बैंक ने जनवरी में संपत्ति कुर्क की. पैसा देने 60 दिनों का वक्त दिया. नोटिस में यह भी लिखा है कि 18 फरवरी 2017 को कंपनी ने माना कि उसने पैसे का दूसरे कामों में इस्तेमाल किया. 15 दिन का वक्त देकर बैंक ने कहा है कि पैसे नहीं चुकाने पर उन्हें विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र : मंत्री जी का कर्ज माफ? विपक्ष ने सीएम फडणवीस पर उठाए सवाल
मंत्रीजी कह रहे हैं, उनकी पूरी कोशिश है लोन चुकता कर दें. पटवा ने कहा ''मैं विधायक हूं, मंत्री हूं, मतलब यह नहीं हो सकता कि मैं व्यवसाय नहीं कर सकता. बैंक को नोटिस नहीं देना था. यह बैंक का विषय है, ऑलरेडी हम बैंक को आठ दिन पहले ही जवाब दे चुके थे. जीआरसी के तहत हमको तीन डेट मिलती हैं. आरबीआई में भी यह कानून है. लेकिन बैंक ने एक पहली हेडिंग में ही 13 तारीख को ही नोटिस जारी कर दिया. इसके बारे में हम विस्तृत बात करेंगे.''
उधर कांग्रेस का आरोप है कि सिर्फ एक मंत्री नहीं पूरी सरकार जनता को छल रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा ''मेरे ख्याल से सारे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाना चाहते, क्यों उन्होंने जनता के विश्वास को छला है. विलफुल डिफॉल्टर सिर्फ पैसों का कर्ज नहीं है. मेरे ख्याल से अगर आप जनता के विश्ववास पर खरे नहीं उतरते तो भी..और ये स्थिति शिवराज कैबिनेट के हर मंत्री की है.''
VIDEO : मंत्री का 51 करोड़ का कर्ज माफ हुआ
बैंक ने पटवा को दो अगस्त को नोटिस भेजा था, लेकिन जब उसे स्वीकारा नहीं गया तो अखबारों में इसे छपवा दिया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं