प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे के तहत मध्य प्रदेश पुलिस ने अपनी डॉग स्क्वॉड में विदेशी नस्ल के साथ-साथ देशी नस्ल के डॉग्स को भी शामिल किया है. पहली बार ऐसा होगा जब यहां देसी नस्ल के कुत्ते पुलिस जांच में मदद करेंगे. इसके लिए इनकी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है. सुधील हाउण्ड, रामपुर हाउण्ड, राजापलायम, कन्नी, कोम्बोई और चिप्पीपराई जैसी 6 स्वदेशी नस्लों के कुत्ते पहली बार प्रशिक्षित किये जा रहे हैं. भोपाल में प्रशिक्षित ये कुत्ते नारकोटिक्स और वीआईपी सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
राज्य के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का कहना है, स्वदेशी श्वानों की नस्लों को अंतरराष्ट्रीय मापदंड अनुसार प्रशिक्षित कर रहे हैं. अभी भी देशी श्वानों का परफारमेंस बहुत ही बेहतर है.
मप्र पुलिस ने अपनी डॉग स्क्वॉड में विदेशी नस्ल के साथ-साथ देशी नस्ल के डॉग्स को भी शामिल किया है। सुधील हाउण्ड, रामपुर हाउण्ड, राजापलायम, कन्नी, कोम्बोई और चिप्पीपराई जैसी 6 स्वदेशी नस्लों के कुत्ते पहली बार प्रशिक्षित किये जा रहे हैं। pic.twitter.com/EKz9tQdiAr
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) October 5, 2021
वर्तमान में मध्य प्रदेश पुलिस के डॉग स्क्वायड में 68 विदेशी नस्ल के कुत्ते हैं. इसके साथ ही बम डिस्पोजल, नारकोटिक्स और जिलों की पुलिस इकाइयों के पास भी विदेशी नस्ल के कुत्ते हैं.
बता दें, मार्च में पुलिस के डॉग स्क्वाड के लिए लाए गए देसी नस्ल के 20 में से दस से अधिक कुत्तों की मौत पारगो वायरस के संक्रमण से हो गई थी. अब और कुत्तों की ट्रेनिंग हो रही है, वोकल फॉर लोकल नारा सुनने में तो अच्छा है लेकिन इन्हें सुरक्षित रखकर ट्रेनिंग देना बड़ी चुनौती है.
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