कांग्रेस ने चुनावों के वक्त राम वन पथ गमन का वायदा किया अब उसे मूर्त रूप देने बजट भी जारी कर दिया गया है. वनवास के दौरान भगवान राम के चरण जिन रास्तों पर पड़े थे, वहां राम वन गमन पथ बनाने का ऐलान 2008 में बीजेपी ने किया था लेकिन उस वक्त ये भाषणों और कागजों में लकीरें खींचने तक सीमित रह गया. अब कमलनाथ सरकार राम वन पथ गमन के लिए बोर्ड गठित करने की भी तैयारी कर रही है.
भगवान राम जिस रास्ते से वानप्रस्थ के लिए गए उसे कागज़ से निकालकर सड़क बनाने के लिए पहले कांग्रेस पीपीपी मोड पर काम करना चाहती थी, लेकिन अब इंतजार किए बगैर 2000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित कर दिया गया है. राज्य में रामवन पथ गमन की प्रारंभिक लंबाई लगभग 350 किमी नापी गई है. शुरुआत में 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ये पथ चित्रकूट से शुरू होकर अमरकंटक तक बनाया जाना प्रस्तावित है.
मध्यप्रदेश सरकार में धर्मस्व विभाग के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा 'पूरा नक्शा, चार्ट बन गया है, इसे हम लोग कार्यरूप में जल्द ही परिणीत करेंगे.' जल्द ही चित्रकूट से अमरकंटक तक गांव-गांव में उत्सव मनाने की तैयारी है. इसके लिए मंदाकिनी के जल की कांवड़ यात्रा निकालकर उद्गम स्थल पर नर्मदा का अभिषेक किया जाएगा.
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कांग्रेस नेताओं ने चुनाव से पहले मंदिर परिक्रमा की, बजट में मठ-मंदिरों का खास ध्यान रखा अब राम वन पथ गमन फाइल से लेकर निर्माण की कगार पर है तो बीजेपी को वोटबैंक में सेंध का खतरा है. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा ''बीजेपी ने राम वन पथ गमन पर काम किया, रास्ते को ढूंढा, लेकिन कांग्रेस जो 'मुंह में राम बगल में छुरी' पर काम करती है वो सिर्फ कागजी वायदा कर रही है क्योंकि उसे हाल में होने वाले नगरीय चुनाव में वोट लेना है.''
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वैसे मध्यप्रदेश की आर्थिक हालत खस्ता है. उस पर 1.87 लाख का कर्ज़ा है. दिसंबर 2018 से सरकार ने हर महीने औसत 1500 करोड़ रुपये का कर्ज़ भी लिया है.
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