मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 7 शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (smart city project) चल रहा है इसी में से एक है सतना (Satna). लेकिन महीनों की कवायद के बाद भी हल्की बारिश ने पूरे प्रोजेक्ट की पोल खोल दी है. सतना प्रदेश की एक मात्र ऐसी स्मार्ट सिटी है जहां सड़कें कीचड़ से सनीं हैं और जगह-जगह जानलेवा गड्ड़े मौजूद हैं. शहर में जल भराव का आलम ये है कि लोगों को पैदल चलने में भी डर लग रहा है. दो पहिया वाहनों की हालत तो और भी खराब है. ये हालत तब है जबकि सीवर लाइन का काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की निगरानी में किया गया है.
समस्याएं बढ़ीं तो प्रशासन की नींद खुली
सतना में जिला अस्पताल, पुराना पॉवर हाउस, बैंक कॉलोनी, उमरी ,अमौधा ऐसे इलाके हैं जो हल्की बरसात में ही जलमग्न हो जाती हैं. इसके अलावा मारुति नगर, करही रोड पतेरी, पुराना पॉवर हाउस रोड पतेरी, राजेन्द्र नगर और मंदाकिनी विहार कॉलोनी सहित नई बस्ती क्षेत्र की सैकड़ों ऐसी कॉलोनियां हैं जहां बारिश के समय दो पहिया लेकर जाना भी मुश्किल हो जाता है. हालांकि जब लोगों की समस्याएं बढ़ गईं तो प्रशासन की नींद खुली. कुछ जगहों पर जीएसबी रोड बनाने की कवायद शुरू की गई है. लेकिन सवाल ये है कि बारिश के बीच में इतनी हड़बड़ी में किया जा रहा काम टिकाऊ होगा या नहीं.
उधर नगर आयुक्त राजेश शाही ने सड़कों की दुर्दशा को लेकर अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ बैठक की है. उन्होंने निर्देश दिया है कि तीन दिनों के अंदर सभी सड़कों की स्थिति में सुधार करें. इसके लिए जिन चीजों की जरूरत होगी वो मुहैया कराई जाएंगी. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के 7 शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चल रहा है.
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