मध्यप्रदेश में बारिश का कहर जारी है. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, लगातार हो रही बारिश से 202 लोगों की मौत हो चुकी है, 32 लोग घायल हुए हैं जबकि 631 मवेशियों की भी जान गई है.राज्य में 9816 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है, जबकि कुल 231 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों के अलावा स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव में जुटा है, 8500 से अधिक लोगों की जान बचाकर उन्हें अस्थायी राहत शिविरों और आश्रयों में पहुंचाया गया है.
राज्य के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने एनडीटीवी से कहा, “छह लाख से 8 लाख हेक्टेयर भूमि बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुई है, लेकिन 52 जिलों में चल रहे फसल क्षति मूल्यांकन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बाद ही फसलों के वास्तविक नुकसान का पता लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने बाढ़ और बारिश से प्रभावित लोगों के लिए 6000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और अगर जरूरत पड़ी तो अधिक धनराशि मंजूर की जाएगी. इसमें से लगभग 50 करोड़ रुपये पहले ही प्रभावित लोगों के बीच जारी किए जा चुके हैं और वित्तीय सहायता देने के लिए काम चल रहा है."
राज्य सरकार मृतकों के परिजनों के लिए चार लाख रुपये दे रही है. अलग-अलग विभागों की रिपोर्टों के आधार पर, मुआवजे के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. राज्य में ज्यादातर नदियों के उफान पर होने के कारण, 28 बांधों में से 21 के गेट खोल दिए गए हैं.
मौसम विभाग ने प्रदेश के 14 जिलों में रेड अलर्ट किया जारी. जबकि 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
इस बीच राजधानी भोपाल में दो महीने पहले एक मेंढक जोड़े की अच्छी बरसात के लिए शादी करवाई गई थी उन्हें गुरुवार को प्रतीकात्मक रूप से तलाक दे दिया गया ताकि बरसात का प्रभाव अब कुछ कम हो.
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