सूरजपुर: बारिश के दिनों मे आकाशीय बिजली की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जनहानि और पशु-हानि के मामले भी सामने आते रहते हैं. लेकिन आकाशीय बिजली से बचने के उपाय भी किसी के पास नहीं हैं. प्रशासनिक सजगता भी कहीं नजर नहीं आती. वहीं, इस साल की बारिश की शुरुआत के साथ ही आकाशीय बिजली के खतरे की संभावना बढ़ती नजर आ रही है.
सूरजपुर जिले में बीते पांच दिनों से बारिश की शुरुआत हो चुकी है. बता दें कि सूरजपुर के पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों में हर साल आकाशीय बिजली की चपेट में आने से जानमाल का नुकसान होता है. वहीं, जिले के भैयाथान, प्रतापपुर, प्रेमनगर, ओडगी जैसे इलाकों में आकाशीय बिजली की संभावना ज्यादा बनी रहती है.
महज बीते सालों में जिले में लगभग दर्जन भर लोगों की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो चुकी है. तो वहीं, सैकड़ों मवेशियों की भी मौत हो चुकी है. इन ग्रामीण इलाकों के घरों में आकाशीय बिजली के कारण लाखों के घरेलू सामान और मकानों को नुकसान पहुंचता है.
जहां तड़ित चालक जिससे आकशीय बिजली की मकानों में गिरने की संभावना काफी कम हो जाती है. बीते दौर में घर के बड़े बुजुर्ग तड़ित चालक को घरेलू जुगाड़ से ही तैयार कर लेते थे. लेकिन बदलते दौर में गांव से तड़ित चालक विलुप्त हो गया है. इसी कारण हर साल आकाशीय बिजली से होने वाले नुकसान के आंकड़े बढ़ रहे हैं.
लाइटनिंग कंडक्टर की खासियत
तड़ित चालक यानी कि लाइटनिंग कंडक्टर एक धातु की चालक छड़ होती है. जिसे ऊंचे भवनों की छत पर आकाशीय विद्युत से रक्षा के लिए लगाया जाता है. तड़ित चालक का ऊपरी नुकीला हिस्सा मकानों के ऊपर और आखरी छोर का हिस्सा जमीन में होता है.
आकाशीय बिजली को तड़ित चालक संग्रहित कर जमीन में समावेशित कर देता है. ऐसे में नुकसान की संभावना बेहद कम हो जाती है. एक तरफ ग्रामीण इलाको से तड़ित चालक गायब हो गए हैं, वहीं ग्रामीण इलाको के स्कूलों और शासकीय भवनों से भी विलुप्त होने की कगार पर हैं.
सूरजपुर के एसडीएम रवि सिंह ग्रामीणों को जागरूक करते और लोगों से तड़ित चालक लगाने की अपील करते नजर आए.
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