मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्कूलों में हिंदुत्व विचारक दिवंगत वी डी सावरकर का पाठ को पढ़ाया जाएगा. उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि सावरकर ने अंडमान की कुख्यात सेलुलर जेल में दोहरी आजीवन कारावास की सजा काटी थी और सज़ा इतनी कठोर थी कि उन्हें अपने भाई (गणेश सावरकर) की कैद के बारे में 'वर्षों बाद' पता चला.
उन्होंने मुरैना में संवाददाताओं से कहा, 'आज भी अगर आप सेल्युलर जेल जाएंगे, तो आपको पता चलेगा कि वह वहां कैसे रहते थे. जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया, उसके बारे में स्कूलों में पाठ पढ़ाया जाएगा.'
इससे पहले दिन में राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत हिंदुत्व विचारक दिवंगत वी डी सावरकर पर पाठ राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि आजादी के बाद देश में लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार के महिमामंडन पर ध्यान केंद्रित किया और कई क्रांतिकारियों की अनदेखी की.
परमार ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “एनईपी के तहत भगवान परशुराम, भगत सिंह, राजगुरु, सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर के जीवन और गीता की शिक्षाओं को भारत की ज्ञान परंपरा के हिस्से के रूप में (पाठ्यक्रम में) शामिल किया जाएगा ताकि लोगों को उनके योगदान के बारे में पता चल सके.''
इस कदम की आलोचना करते हुए, मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के के मिश्रा ने इसे साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उठाया गया एक राजनीतिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसी मुख्य समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है.
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