मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा में गोली लगने से खरगोन के एसपी भी घायल हो गए हैं. एसपी सिद्धार्थ चौधरी को देर रात अस्पताल से छुट्टी मिली. गोली लगने से घायल एसपी ने बुधवार को NDTV से बातचीत में कहा कि भीड़ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी. भीड़ तलवार लेकर आगे बढ़ रही थी. इसी दौरान कवर फायरिंग में उन्हें गोली लग गई. उन्होंने कहा कि, "रामनवमी के दिन दोपहर बाद जुलूस निकलना था. इसको लेकर लोग तलाब चौक पर इकट्ठे हो गए थे. जैसे ही निर्धारित रूट पर जुलूस पांच बजे के करीब निकला, तभी एक भीड़ ने गली से निकलकर जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया. हालांकि पुलिस वहां काफी संख्या में पहले से मौजूद थी. इस दौरान वहां मैं भी मौजूद था. हमने समय रहते स्थिति को नियंत्रित किया और भीड़ को अलग किया."
एसपी चौधरी ने कहा कि, "इस बीच कई जगहों से इसी तरह की खबरें आने लगी. कई जगहों से पथराव के साथ आगजनी की बातें सामने आने लगी. हम लोगों ने हर जगह जाकर शांति व्यवस्था को कायम किया. लेकिन, जब हम संजय नगर पहुंचे तो वहां पर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर पथराव कर रहे थे. वहां कुछ लोग हाथों में तलवार लेकर भी दौड़ रहे थे. पुलिस ने तत्काल उन लोगों को हिरासत में ले लिया. मौके पर मैं भी मौजूद था. उसी समय भीड़ में से किसी ने मुझ पर गोली चला दी. जो मेरे बाएं पैर में लगी."
आखिर क्या हुआ था खरगोन में?
रामनवमी के जुलूस में डीजे पर बज रहे गानों को लेकर एक समुदाय के लोगों ने ऐतराज़ जताया. जिसके बाद जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की. उपद्रवियों ने कई वाहनों को भी आग लगी दी. खरगोन शहर के तीन क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं हुईं. लेकिन सबसे ज्यादा हिंसा संजय नगर इलाके में देखने को मिला.
इस घटना के बाद प्रशासन ने शहर के तीन क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया, जबकि पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. पथराव में खरगौन के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी एवं दो अन्य पुलिसकर्मियों सहित कुछ आम नागरिक घायल हुए हैं.
अब तक इस पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 100 लोगों को गिरफ्तार किया है. कार्रवाई के तहत पुलिस-प्रशासन ने कई आरोपियों के घर बुलडोजर से गिरा दिए हैं. इसमें 52 से ज्यादा संपत्तियों को अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया गया है. इस कार्रवाई में प्रधानमंत्री आवास योजना में बना एक मकान भी तोड़ा गया है.
खरगोन हिंसा पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रामनवमी पर हुई हिंसा के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा है कि अगर मुस्लिम इस तरह के हमले करेंगे तो न्याय की आशा ना करें. उन्होंने कहा कि इस हिंसा को लेकर दंगाइयों पर कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि, "जो आरोपियों के घर तोड़े जा रहे हैं, वो अवैध साबित होने के बाद ही तोड़े जा रहे हैं."
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, "हमला कौन कर रहा है, ये मूल बात है. हमारी फिक्र पूरे समाज के लिए है. हम आरोपों की चिंता नहीं करते हैं. मध्य प्रदेश में जो कोई दंगाई फन उठाएगा तो उसे कुचल दिया जाएगा."
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