मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते हैं कि केंद्र सरकार संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के जुर्माना दरों पर पुनर्विचार करे, वहीं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को लगता है यह "तुगलकी फरमान" है. गुरुवार को कमलनाथ ने ट्वीट किया, सड़क हादसों को रोकना और लोगों की जान की हिफ़ाजत हम भी चाहते हैं पर यह भी देखना चाहिए कि जुर्माना अव्यवाहरिक ना हो,लोगों की क्षमता के अनुरूप हो,भारी मंदी का दौर चल ही रहा है.केंद्र सरकार जुर्माने की राशि पर पुनर्विचार करे और लोगों को राहत प्रदान करे. हम भी इसका अध्ययन करवा रहे हैं.
लेकिन राज्य के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने NDTV से बात करते हुए कहा हमारा सोचना है कि ये तुगलकी आदेश है, बहुत ज्यादा जुर्माना कर दिया गया कहीं कहीं तो जितने कीमत की गाड़ी है उससे ज्यादा लोग जुर्माना दे रहे हैं तो ये आम जनता पर बोझ था इसलिये हमारी सरकार मध्यप्रदेश में अभी पुराना दरों पर जुर्माना वसूल रहे हैं. अपने अधिकारियों से कहा था कि आसपास की स्थिति देख लो जहां संभव होगा जुर्माने को कम करके लागू करने के बारे में विचार करेंगे.
उन्होंने कहा कि मैं जुर्माने के बहुत सारे मुद्दों पर सहमत हूं, कई बातों में असहमत हूं जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाई तो सहमत हूं. इस चीज़ को एकदम से लागू कर दिया गया थोड़ा जागृति करके लागू करते अब आपने 100 रुपये का पुराना जुर्माना 5,000 रुपये, 5000 रुपये से 10,000 रुपये और 10,000 रुपये से 20,000 रुपये कर दिया अब अगर गांव का एक गरीब व्यक्ति वाहन के दस्तावेजों के साथ भूल जाता है, तो उस पर 5000 रुपये, गाड़ी में तीन व्यक्ति पाए जाते हैं तो 10000 जुर्माना तो हम सलाह कर रहे हैं कि एक्ट को हम मानेंगे लेकिन जितना जुर्माने को जितना संभव होगा लोगों से सलाह करके उसे कम भी करेंगे.
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