मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से सांसद और वर्तमान में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अब से 34 साल पहले 'अध्यात्म विभाग' बनाने का सपना संजोया था, उन्होंने वर्ष 1985 में लोकसभा में इस बात का जिक्र भी किया था, मगर उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई. राज्य का मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने यह विभाग गठित करने का फैसला लिया. यह खुलासा बुधवार को राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से जवाब देते हुए किया.
भाजपा विधायक संजय पाठक ने अध्यात्म विभाग के गठन से लेकर योजनाओं की जानकारी मांगी थी. पाठक की अनुपस्थिति में विधायक विश्वास सारंग ने प्रश्न व पूरक प्रश्न किए.
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सारंग के सवालों का जवाब देते हुए शर्मा ने बताया कि अध्यात्म विभाग का गठन धार्मिक न्यास व धर्मस्य विभाग और आनंद विभाग को मिलाकर किया गया है. कमलनाथ ने वर्ष 1985 में संसद में कहा था कि अध्यात्म विभाग का गठन किया जाना चाहिए. वहां तो हुआ नहीं, लेकिन यहां मुख्यमंत्री बनते ही इसका गठन किया गया है. यह विभाग धर्म और अध्यात्म की चीजों का परिपालन करेगा.
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