कांग्रेस के संगठन में व्यापक बदलाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 नेताओं द्वारा पत्र लिखे जाने को उचित नहीं मानते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बेहतर होता कि पत्र लिखने या मीडिया में इसे लीक करने के बजाय ऐसे मुद्दों को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उठाया जाता. राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बुधवार को जबलपुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैं कार्यसमिति का सदस्य नहीं हूं, ना ही मैंने वह पत्र देखा है... लेकिन चिट्ठी लिखने से बेहतर होता कि चार या पांच लोग जो सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं, वे चर्चा के लिये अनुरोध कर सकते थे... चिट्ठी लिखने और उसे मीडिया में लीक करना यह उचित नहीं है.'' कांग्रेस नेता एक धार्मिक संत से मिलने के लिये यहां आये थे.
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एनईईटी व जेईई जैसी परीक्षाओं को स्थगित करने के बारे में उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस के लिये सीमित जांच सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि रोजाना कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इन परीक्षाओं के आयोजन पर निर्णय की समीक्षा के लिये उच्चतम न्यायालय में अपील करने की जरुरत है.
मध्यप्रदेश में सांसदों और विधायकों को सहकारी समितियों में सदस्य के तौर पर शामिल किये जाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन विधायकों को संतुष्ट करने के लिये मजबूर हैं जिन्हें मंत्रिपरिषद में स्थान नहीं मिला है.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्रदेश के सांसदों और विधायकों को सहकारी समितियों में सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है.
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