इंदौर में होटल गिरने से 10 लोगों की मौत.
नई दिल्ली:
भयावह हादसे में कल रात यहां तीन मंजिला होटल-सह-लॉज ढहने से दो महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत हो गयी. जिला प्रशासन ने करीब 60 साल पुराना भवन ढहने की जानलेवा दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिये हैं. छोटी ग्वालटोली पुलिस थाने के प्रभारी संजू कामले ने पीटीआई को बताया कि घनी वाणिज्यिक बसाहट वाले सरवटे बस स्टैंड इलाके में एमएस होटल कल रात भरभराकर ढह गया. मलबा हटाकर अब तक 12 लोगों को शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय पहुंचाया गया है. इनमें शामिल दो महिलाओं समेत 10 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि दो अन्य लोगों का इलाज जारी है.
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कामले ने बताया कि होटल की करीब 60 साल पुरानी इमारत की हालत अंदर से जर्जर थी. इसमें करीब 15 कमरों वाला लॉज भी चलाया जा रहा था. जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने मृतकों के शोकसंतप्त परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. हादसे में घायल लोगों का इलाज सरकारी खर्च पर किया जायेगा.
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इस बीच, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उसने होटल की जर्जर इमारत को खतरनाक घोषित करते हुए इसे खाली कराने और ढहाने का कदम समय रहते क्यों नहीं उठाया. इस बारे में पूछे जाने पर आईएमसी के आयुक्त मनीष सिंह ने पीटीआई को जवाब दिया, "होटल की इमारत बरसों पुरानी थी. इसकी निर्माण शैली भी पुरानी थी. लेकिन इसके मालिक ने बाहरी रंग-रोगन कर इसका हुलिया चमका रखा था."
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उन्होंने कहा, "यह बात सामने आयी है कि इमारत में पिछले कुछ दिनों से सुधार कार्य चल रहा था. यह भी मालूम पड़ा है कि भयावह हादसे से ऐन पहले इमारत की एक दीवार गिरी. इसके कुछ देर बाद पूरी इमारत ढह गयी." सिंह ने बताया कि आईएमसी इस बात की भी जांच कर रहा है कि हादसे की शिकार होटल के मालिक ने इस भवन में कितना अवैध निर्माण कर रखा था.
चश्मदीदों का दावा है कि कल रात एक कार के होटल के पिलर से टकराने के बाद इसकी इमारत जोरदार आवाज के साथ देखते ही देखते गिर गयी और इसमें मौजूद लोग मलबे में दब गये. आईएमसी आयुक्त ने कहा कि हादसे के कारण के तौर पर कार की टक्कर वाले पहलू को फिलहाल खारिज नहीं किया जा सकता. इस सिलसिले में विस्तृत जांच की जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि होटल की इमारत ढहने से इससे सटे दो भवनों को भी थोड़ा नुकसान पहुंचा है. सावधानी के तौर पर दोनों भवनों को खाली करा लिया गया है.
जिलाधिकारी (डीएम) निशांत वरवड़े ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रियल जांच का जिम्मा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) स्तर के एक अधिकारी को सौंपा गया है. भयावह हादसा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. चंद सेकंडों के धुंधले वीडियो में देखा जा सकता है कि रात के अंधेरे में होटल की इमारत किस तरह भरभराकर ढहती है और इसके ठीक सामने की व्यस्त सड़क पर कुछ दोपहिया और चार पहिया वाहन सवार मलबे की चपेट में आ जाते हैं. इसके बाद मौके पर धूल और मलबे के भारी गुबार को देखा जा सकता है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मारे गये चार लोगों की पहचान राकेश राठौर (26), राजू सेन (40), आनंद पोरवाल 27 और हरीश सोनी (65) के रूप में हुई है. सोनी होटल का मैनेजर था. दो महिलाओं समेत छह अन्य मृतकों की शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि होटल के साथ चलाये जा रहे लॉज के रजिस्टर में हाल ही की अलग-अलग तारीखों में करीब 40 मेहमानों के नाम दर्ज पाये गये हैं. होटल में सात-आठ कर्मचारी काम करते थे. हालांकि, फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि हादसे के वक्त कितने लोग होटल में मौजूद थे. तमाशबीनों की भीड़ के कारण कल रात राहत और बचाव कार्य में अधिकारियों को बाधा आई. नतीजतन हल्का बल प्रयोग कर तमाशबीनों को मौके से खदेड़ा गया.
(इनपुट-भाषा)
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कामले ने बताया कि होटल की करीब 60 साल पुरानी इमारत की हालत अंदर से जर्जर थी. इसमें करीब 15 कमरों वाला लॉज भी चलाया जा रहा था. जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने मृतकों के शोकसंतप्त परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. हादसे में घायल लोगों का इलाज सरकारी खर्च पर किया जायेगा.
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इस बीच, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उसने होटल की जर्जर इमारत को खतरनाक घोषित करते हुए इसे खाली कराने और ढहाने का कदम समय रहते क्यों नहीं उठाया. इस बारे में पूछे जाने पर आईएमसी के आयुक्त मनीष सिंह ने पीटीआई को जवाब दिया, "होटल की इमारत बरसों पुरानी थी. इसकी निर्माण शैली भी पुरानी थी. लेकिन इसके मालिक ने बाहरी रंग-रोगन कर इसका हुलिया चमका रखा था."
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उन्होंने कहा, "यह बात सामने आयी है कि इमारत में पिछले कुछ दिनों से सुधार कार्य चल रहा था. यह भी मालूम पड़ा है कि भयावह हादसे से ऐन पहले इमारत की एक दीवार गिरी. इसके कुछ देर बाद पूरी इमारत ढह गयी." सिंह ने बताया कि आईएमसी इस बात की भी जांच कर रहा है कि हादसे की शिकार होटल के मालिक ने इस भवन में कितना अवैध निर्माण कर रखा था.
चश्मदीदों का दावा है कि कल रात एक कार के होटल के पिलर से टकराने के बाद इसकी इमारत जोरदार आवाज के साथ देखते ही देखते गिर गयी और इसमें मौजूद लोग मलबे में दब गये. आईएमसी आयुक्त ने कहा कि हादसे के कारण के तौर पर कार की टक्कर वाले पहलू को फिलहाल खारिज नहीं किया जा सकता. इस सिलसिले में विस्तृत जांच की जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि होटल की इमारत ढहने से इससे सटे दो भवनों को भी थोड़ा नुकसान पहुंचा है. सावधानी के तौर पर दोनों भवनों को खाली करा लिया गया है.
जिलाधिकारी (डीएम) निशांत वरवड़े ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रियल जांच का जिम्मा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) स्तर के एक अधिकारी को सौंपा गया है. भयावह हादसा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. चंद सेकंडों के धुंधले वीडियो में देखा जा सकता है कि रात के अंधेरे में होटल की इमारत किस तरह भरभराकर ढहती है और इसके ठीक सामने की व्यस्त सड़क पर कुछ दोपहिया और चार पहिया वाहन सवार मलबे की चपेट में आ जाते हैं. इसके बाद मौके पर धूल और मलबे के भारी गुबार को देखा जा सकता है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मारे गये चार लोगों की पहचान राकेश राठौर (26), राजू सेन (40), आनंद पोरवाल 27 और हरीश सोनी (65) के रूप में हुई है. सोनी होटल का मैनेजर था. दो महिलाओं समेत छह अन्य मृतकों की शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि होटल के साथ चलाये जा रहे लॉज के रजिस्टर में हाल ही की अलग-अलग तारीखों में करीब 40 मेहमानों के नाम दर्ज पाये गये हैं. होटल में सात-आठ कर्मचारी काम करते थे. हालांकि, फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि हादसे के वक्त कितने लोग होटल में मौजूद थे. तमाशबीनों की भीड़ के कारण कल रात राहत और बचाव कार्य में अधिकारियों को बाधा आई. नतीजतन हल्का बल प्रयोग कर तमाशबीनों को मौके से खदेड़ा गया.
(इनपुट-भाषा)
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