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This Article is From Aug 30, 2019

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले- मुझे नहीं लगता, ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज़ हैं

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए दिल्ली आए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किसी भी दिक्कत से इंकार किया. आजकल ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व करने को लेकर गुटबाजी हो रही है.

नई दिल्ली:

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए दिल्ली आए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किसी भी दिक्कत से इंकार किया. आजकल ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व करने को लेकर गुटबाजी हो रही है. सोनिया गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात के बाद कमलनाथ, जो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं, ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मुझे नहीं लगता, ज्योतिरादित्य सिंधिया नाखुश हैं..."

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनिया गांधी से मुलाकात में प्रदेश संगठन पर चर्चा के साथ-साथ इस बात पर भी विचार-विमर्श हुआ कि लोकसभा चुनाव के बाद नया प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "मैं यह बात कई बार कह चुका हूं, और एक बार फिर यही कहा..."

यह पूछे जाने पर कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शीर्ष पद नहीं दिए जाने की स्थिति में 'अन्य विकल्प तलाशने' की धमकी दी थी, कमलनाथ ने कहा, "मुझे नहीं लगता, यह सही है, और मुझे नहीं लगता, वह किसी से नाराज़ हैं..."

ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराज़गी की अटकलों को हाल ही में उस समय बल मिला, जब उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर देने के केंद्र सरकार के फैसले के समर्थन में टिप्पणियां कीं. आधिकारिक रूप से उन्होंने कहा कि पार्टी को छोड़कर जाने का 'सवाल ही पैदा नहीं होता...'

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लेकिन उनके समर्थकों का एक समूह उन्हें प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाए जाने की स्थिति में कांग्रेस छोड़ देने की सार्वजनिक रूप से धमकियां जारी कर रहा है. दतिया के कांग्रेस नेता अशोक दांगी ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है, "यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्य की राजनीति से दूर रखा गया, तो वह (अशोक दांगी) 500 अन्य लोगों के साथ पार्टी से त्यागपत्र दे देंगे..."

बताया जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उसी समय से प्रदेशाध्यक्ष पद पाना चाहते हैं, जब पिछले साल दिसंबर में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती थी, और कमलनाथ मुख्यमंत्री बनाए गए थे. काफी अटकलों के बावजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया को उपमुख्यमंत्री भी नहीं बनाया गया था, लेकिन उन्हें एक और अहम ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें कांग्रेस महासचिव (पूर्वी उत्तर प्रदेश) प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ उत्तर प्रदेश की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी.

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कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली बढ़त को बरकरार नहीं रख पाई, और लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में एक को छोड़कर सभी सीटों पर हार गई. खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी परम्परागत सीट गुना से चुनाव हार गए. समूचे मध्य प्रदेश में जिस अकेली सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई, उस पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने चुनाव लड़ा था.

मध्य प्रदेश के एक और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी भोपाल सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे. माना जा रहा है कि वह पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के दिग्गज दिवंगत नेता अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह को समर्थन दे रहे हैं. फिलहाल, कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को इसी साल महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों को चुनने का काम सौंपा है.

Video: सोनिया गांधी से मिले मध्य प्रदेश के CM कमलनाथ

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