मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh) ने कोरोना काल में किसानों से गेहूं खरीदने का रिकॉर्ड बनाने का दावा किया है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते सैकड़ों क्विंटल गेहूं बारिश के पानी की वजह से बर्बाद हो गया. कई जिलों में यह नजारा देखने को मिला. ये तस्वीरें छिंदवाड़ा के खमरा सेवा सहकारी समिति की हैं, जहां पर किसानों से गेहूं खरीदी की गई लेकिन समय पर परिवहन नहीं हो पाया और बारिश के चलते कई क्विंटल खुले में रखा होने के कारण सड़ गया.
जैसे ही मीडिया के कैमरे वहां पहुंचे आनन-फानन में समिति प्रबंधक ने गेहूं को एक जगह से दूसरे शेड में शिफ्ट कराया और बोरे भी बदले लेकिन तस्वीरें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से सरकारी पैसों की बंदरबांट की जाती है.
रिकॉर्ड खरीद के क्या मायने जब जनता की जेब से जमा टैक्स के पैसों से खरीदा गेंहू बारिश में सड़ा दिया जाए! @ChouhanShivraj @CMMadhyaPradesh @OfficeOfKNath @irvpaswan @ndtvindia #lockdownextended #COVID19India #COVID19 @INCIndia @INCMP pic.twitter.com/NBfgOhK0Xd
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 21, 2020
सैकड़ों क्विंटल गेहूं बोरी में रखे-रखे सड़ गया. अब आलम ये है कि जिस शेड में गेहूं रखा गया है, उसके आसपास रहने वाले ग्रामीणों को गेहूं की बदबू परेशान कर रही है. हालांकि इस मामले में जब मीडिया ने कलेक्टर से बात करनी चाही तो कलेक्टर ने पल्ला झाड़ते हुए जिले में गेहूं खराब होने की बात से ही इंकार कर दिया.
VIDEO: मध्य प्रदेश : किसानों को बारिश से हो रहा नुकसान
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