प्रतीकात्मक फोटो.
बिलासपुर (छत्तीसगढ़):
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और चिकित्सकों के असंवेदनशील रवैये का शर्मनाक मामला सामने आया है. बिलासपुर जिले में एक गर्भवती महिला को क्रमश: दो सरकारी अस्पतालों में भर्ती न करके भगा दिया गया. अस्पताल से पैदल लौट रही इस ग्रामीण महिला को प्रसव पीड़ा हुई और फिर एक टूटे घर के शेड में उसका प्रसव कराया गया. इस मामले में राज्य शासन ने चिकित्सक और नर्स के खिलाफ कार्रवाई की है.
बिलासपुर जिले के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि शहर के सिरगिट्टी क्षेत्र के लोको खोली में रहने वाली विधवा गर्भवती महिला को जिला अस्पताल ने बुधवार की रात बिस्तर खाली नहीं होने का कारण बताते हुए अस्पताल से लौटा दिया. इससे पहले महिला पड़ोसियों के साथ सिरगिट्टी के स्वास्थ्य केंद्र में भी पहुंची थी. वहां से भी उसके साथ जिला अस्पताल में प्रसव कराने के नाम पर दुर्व्यवहार किया गया था और भगा दिया गया था. महिला जब पड़ोसी महिलाओं के साथ पैदल घर लौट रही थी तो उसे दर्द हुआ. मजबूरी में रास्ते में एक टूटे मकान के शेड के नीचे उसका प्रसव कराया गया. पीड़ित महिला सारी रात अपने नवजात शिशु के साथ वहीं पड़ी रही.
इस घटना पर आसपास के लोगों का गुस्सा भड़कने पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और बाद में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिकारियों के मुताबिक इस मामले को बिलासपुर की आयुक्त निहारिका बारीक ने काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं को जांच का आदेश दिया है. प्रारंभिक जांच को आधार मानकर आयुक्त ने बिलासपुर के अतिरिक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में एक विस्तृत जांच कमेटी का गठन भी कर दिया है.
बताया गया है कि घटना के समय जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात स्त्री रोग विभाग की चिकित्सक रमा घोष को ऑफिस अटैच कर दिया गया है तथा नर्स सीमा सिंह को निलंबित कर दिया गया है.
हाल में हुए एक अध्ययन के मुताबिक भारत स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में दुनिया के सैकड़ों देशों से पीछे है. इस मामले में देश का दुनिया में 154वां स्थान है. भारत के कई पड़ोसी देश भी स्वास्थ्य सेवाओं में इससे आगे हैं. बिलासपुर जिले में हुई घटना स्वास्थ्य सेवाओं की देश में बदहाली की पुष्टि करती है.
(इनपुट एजेंसी से)
बिलासपुर जिले के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि शहर के सिरगिट्टी क्षेत्र के लोको खोली में रहने वाली विधवा गर्भवती महिला को जिला अस्पताल ने बुधवार की रात बिस्तर खाली नहीं होने का कारण बताते हुए अस्पताल से लौटा दिया. इससे पहले महिला पड़ोसियों के साथ सिरगिट्टी के स्वास्थ्य केंद्र में भी पहुंची थी. वहां से भी उसके साथ जिला अस्पताल में प्रसव कराने के नाम पर दुर्व्यवहार किया गया था और भगा दिया गया था. महिला जब पड़ोसी महिलाओं के साथ पैदल घर लौट रही थी तो उसे दर्द हुआ. मजबूरी में रास्ते में एक टूटे मकान के शेड के नीचे उसका प्रसव कराया गया. पीड़ित महिला सारी रात अपने नवजात शिशु के साथ वहीं पड़ी रही.
इस घटना पर आसपास के लोगों का गुस्सा भड़कने पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और बाद में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिकारियों के मुताबिक इस मामले को बिलासपुर की आयुक्त निहारिका बारीक ने काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं को जांच का आदेश दिया है. प्रारंभिक जांच को आधार मानकर आयुक्त ने बिलासपुर के अतिरिक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में एक विस्तृत जांच कमेटी का गठन भी कर दिया है.
बताया गया है कि घटना के समय जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात स्त्री रोग विभाग की चिकित्सक रमा घोष को ऑफिस अटैच कर दिया गया है तथा नर्स सीमा सिंह को निलंबित कर दिया गया है.
हाल में हुए एक अध्ययन के मुताबिक भारत स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में दुनिया के सैकड़ों देशों से पीछे है. इस मामले में देश का दुनिया में 154वां स्थान है. भारत के कई पड़ोसी देश भी स्वास्थ्य सेवाओं में इससे आगे हैं. बिलासपुर जिले में हुई घटना स्वास्थ्य सेवाओं की देश में बदहाली की पुष्टि करती है.
(इनपुट एजेंसी से)
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