दुनियाभर में आज मदर्स डे मनाया जा रहा है. ऐसे में हम आपके सामने एक ऐसी मां की कहानी लाए हैं, जो कोरोनावायरस संकट के दौरान अपनी 14 महीने की बच्ची से दूर रह कर देश की सेवा में जुटी हुई है. दरअसल, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा की पूनम भायदे नर्स हैं और कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के चलते अपनी ड्यूटी में लगी हुई हैं. वह निरंतर रूप से मरीजों की सेवा में लगी हुई हैं और अपने परिवार से दूर रह रही हैं. उन्होंने पिछले 40 दिनों से अपनी बच्ची को भी गोद में नहीं उठाया है.
छिन्दवाड़ा निवासी पूनम भायदे कुछ वक्त पहले बुरहानपुर जिले अस्प्ताल के नर्सिंग स्टाफ में थी. उन्होंने कुछ महीनों पहले ही परिवार के साथ रहने के लिए छिन्दवाड़ा में तबादला करवाया था लेकिन उनके सामने अचानक कोरोनावायरस रूपी चुनौती आ गई. छिन्दवाड़ा में पिछले दिनों इंदौर से आए, कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क वाले व्यक्तियों को जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वारंटाइ सेंटर में रखा गया है. इसी सेंटर में पूनम भायदे भी अपनी सेवाएं दे रही थी.
इस सेंटर में कोरोना से संक्रमित मृतक के संपर्क में आए करीब 30 लोगों को यहां रख कर क्वारंटाइन किया गया. इसमें से मृतक के संपर्क में आए तीन व्यक्तियों की पॉजिटिव रिपोर्ट आई लेकिन इन सब चुनौतियों के बाबजूद भी पूनम का कोरोना के प्रति देश भक्ति का इरादे कम नहीं हुआ और इनकी कड़ी और सच्ची महेनत का परिणाम भी यही हुआ कि अब इस सेंटर से सभी व्यक्तियों का क्वारंटाइन पीरियड भी पूरा हो गया है.
छिंदवाड़ा की पूनम भायदे #Covid_19india से लड़ने में जुटी हैं, #motherday2020 #HappyMothersDay पर 14 महीने की बिटिया से वीडियो कॉल पर बात @ndtvindia #HappyMothersDay2020 #mothersday2020 #मातृदिवस #Covid_19 @OfficeOfKNath @ChouhanShivraj @JansamparkMP @OfficeofSSC pic.twitter.com/KGEOd9eaUu
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 10, 2020
यह सेंटर पूरा खाली हो चुका है. पूनम के इस जज्बे के सामने कोई पारिवारिक सलाह भी आड़े नहीं आई और तो और यह छिन्दवाड़ा से सिंगोड़ी अप डाउन करती हैं. इनको पहले गाड़ी चलानी नही आती थी तो उनके पति ने उन्हें गाड़ी चलाना भी सिखाया.
पूनम अपने गांव और परिवार से दूर, छिन्दवाड़ा जिले में किराए के मकान में रहकर कोरोना के मैदान सिंगोड़ी के लिए रोज सफर तय करती हैं. सिंगोड़ी में फिलहाल कोरोना के भय की वजह से कोई मकान भी नहीं दे रहा है. पूनम को देश के लिए ड्यूटी के दौरान अपनी दूध मूही चौदह महीने की बच्ची और परिवार की याद आती है तो वह वीडियो कॉलिंग से अपनी बच्ची को दुलार देती हैं.
पूनम को बच्ची को, गोद मे खिलाए हूए, चालीस दिन से ज्यादा वक़्त बीत गया है लेकिन देश भक्ति और ड्यूटी के सामने, इन्होंने परिवार को प्राथमिकता नहीं देकर, निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम करना जारी रखा.
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