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This Article is From May 30, 2018

Ground Report : मंदसौर गोलीकांड को एक साल पूरा, पीड़ित परिवारों की नाराजगी कायम

मंदसौर किसान गोलीकांड को एक साल होने को है. गोलीकांड में मारे गए 6 किसानों के परिजनों से किये वायदे सरकार ने पूरे तो कर दिये मगर किसानों को उपज की सही कीमत देने का वायदा अधूरा है.

Ground Report : मंदसौर गोलीकांड को एक साल पूरा, पीड़ित परिवारों की नाराजगी कायम
मंदसौर किसान गोलीकांड को एक साल होने को है.
भोपाल: मंदसौर किसान गोलीकांड को एक साल होने को है. गोलीकांड में मारे गए 6 किसानों के परिजनों से किये वायदे सरकार ने पूरे तो कर दिये मगर किसानों को उपज की सही कीमत देने का वायदा अधूरा है. इसलिये गोलीकांड की बरसी पर होने वाले आंदोलन से सरकार डरी हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 6 जून को  किसानों को श्रद्धांजलि देने मंदसौर आएंगे तो उससे पहले किसानों की नाराजगी दूर करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंदसौर पहुंच गये. साल भर बाद वो फिर मंदसौर आए हैं, साथ में सहानुभूति है और चुनावी वायदे भी.
 
mandsaur shootout
अभिषेक पाटीदार की मां.

मंदसौर से 15 किलोमीटर दूर बरखेडापंथ गांव के लिए 6 किसान शहीद हैं जहां घर के बाहर उनके पोस्टर लगे हैं. घर के अंदर हर दीवार पर 17 साल के अभिषेक पाटीदार की यादें बिखरी हैं. मां आज भी उन पुरानी कतरनों को निकालती हैं जिससे 11वीं पास उनका बेटा पायदान बनाया करता था. बच्चे आते हैं तो देखती हूं, बेटे की बहुत याद आती है. पिता एक करोड़ रुपये की सरकारी मदद और अभिषेक के भाई को मिली नौकरी से खुश हैं, लेकिन कहते हैं इंसाफ नहीं मिला. किसान आंदोलन की बातें और मांगे सरकार भूल गई.

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पिता दिनेश पाटीदार जस्टिस जेके जैन आयोग की जांच से खुश नहीं हैं. कहते हैं मुझे लगता है ये लीपापोती है. कमीशन के सामने बातें रखी नहीं गई, लोगों से सही सवाल नहीं पूछे गये. बरखेडापंथ से 25 किलोमीटर दूरी पर है नयाखेड़ा. यहां रहने वाले चैनराम पाटीदार को भी गोली लगी थी. गांव के बाहर उनकी मूर्ति लग गई, शहीद का दर्जा मिल गया. घर में पिता, भाई हैं. पत्नी को मुआवजे के पैसे मिले वो दूसरी शादी करने वाली हैं. घर में गरीबी पसरी है. मंदसौर में 1-10 जून तक गांव बंद हैं, लेकिन चैनराम के पिता अपने छोटे बेटे को आंदोलन में भाग लेने की इजाजत कतई नहीं देंगे. चैनराम के भाई गोविंद ने हमसे बातचीत में कहा मैं आंदोलन का समर्थन करता हूं, लेकिन अब डर लगता है. बीच में पिता ने टोकते हुए कहा हम सड़क पर किसी को नहीं जाने देंगे.

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नयाखेड़ा गांव जाने वाली सड़क का बोर्ड कह रहा है मंजूरी 6-7 साल पहले मिली. गांववाले कहते हैं चैनराम की शाहदात की बरसी से एक दिन पहले काम शुरू हुआ, लेकिन फसल की कीमत से वो अब भी परेशान हैं. मंदसौर और नीमच के इन गांवों में किसान संगठित हो रहे हैं. मान रहे हैं कि उनकी हालत सुधरी नहीं है. चिल्लौद पिपलिया गांव के बाहर ही कन्हैया लाल पाटीदार की मूर्ति लगी है. कन्नहैयालाल की मौत भी किसान आंदोलन में हुई थी. उनकी पत्नी साल भर से बीमार है और गांव से बाहर है. बेटे को नौकरी का वायदा सरकार का है, मगर उनके भाई जगदीश को राहुल गांधी की रैली का न्यौता मिला है. सरकार से नाराज़ हैं कहते हैं इंसाफ नहीं मिला. मेरे भाई की पत्नी थोड़ा दिमागी रूप से परेशान हो गई है, हमें साफ लगता है कि सरकार कर्मचारियों को बचा रही है. पास के गांव टकरवाद के बबलू पाटीदार की मां दोषियों के लिये सजा-ए-मौत चाहती हैं. बबलू की शादी को 12 महीने हुए थे जब वो गोलियों से छलनी हुआ. पत्नी को सरकारी नौकरी मिल गई मां दुर्गा बाई घर में अकेली रह गई अब वो चाहती हैं बेटे के हत्यारों को सज़ा-ए-मौत मिले.
 
mandsaur shootout
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों से मिलने मंदसौर पहुंचे.

मंदसौर समेत देशभर के किसानों से 1-10 जून तक गांव बंद रखने की मांग किसान संगठनों ने की है, ऐसे में पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है. किसान संगठनों से बातचीत की जा रही है. दावा है कि आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी भी की गई है. मंदसौर के एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस बार 10 किसान संगठन जिनके व्हाट्सऐप पर मैसेज चल रहे थे, उन्हें चिन्हित कर कंट्रोल रूम में बुलाया गया. उनसे बातचीत की. गांवों में मीटिंग ली इस बार समस्या नहीं रहेगी. वहीं कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि असामाजिक तत्व आ सकते हैं उसके लिये पर्याप्त तैयारी है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 6 जून को मंदसौर पहुंचेंगे उससे पहले शिवराज आ गये. क्योंकि दोनों पार्टियां जानती है 2018 में भोपाल हो या 2019 में दिल्ली का रास्ता उसमें मंदसौर बहुत अहम है.

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