
गुरुवार से मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल के सरकारी दफ्तरों वल्लभ भवन, सतपुड़ा और विंध्याचल भवन में 30 फीसदी कर्मचारियों के साथ कामकाज शुरू हो गया. वो राज्य जो कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में शुमार है, जहां कोरोना संक्रमितों की तादाद 2,500 से अधिक है और जहां 129 मरीजों की मौत हो चुकी है.
महीने भर से ज्यादा वक्त के बाद भोपाल में सरकारी कर्मचारी जब अपने दफ्तर पहुंचे, तो स्वागत हुआ थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन से. सुरक्षा के साथ काम शुरू करने से पहले लगभग 30-40 मिनट का वक्त लगा, हालांकि सबसे बड़ा डर फाइलों से दिखा. स्वास्थ्य विभाग में बतौर सहायक ग्रेड-1 कार्यरत उर्मिला सिंह ने कहा, ''एक महीने बाद आई हूं, डर भी लग रहा है घर में बच्चे हैं, पति हैं. टेबल डिटॉल से साफ करूंगी लेकर आई हूं. मेरे पास फाइलें भी बहुत आती हैं बहुत डर लग रहा है.''
कुछ कर्मचारियों ने कहा वो ऑनलाइन फाइलों पर काम की कोशिश करेंगे. लोकल फंड ऑडिट में कार्यरत वंदना अग्रवाल ने कहा, ''मेरी संचालक ने कहा है दफ्तर खुलवा कर नगर निगम से सैनिटाइज करवाना है फिर काम करेंगे, ज्यादा से ज्यादा काम ई-फाइलिंग से करवाना है. अगर कोई फाइल आती भी है तो हैंड ग्लव्ज पहन रखा है, मास्क पहन रखा है. बच्चों को सुरक्षित रखना है. परिवार को भी सुरक्षित रखना है. दिमाग में डर तो है कि हम पॉजिटिव ना हों. कोशिश करेंगे फाइलों को सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ाएंगे. हमारे विभाग में जो आज आए हैं वो कल नहीं आएंगे लेकिन जिसके एकल पद हैं उसमें स्पष्ट नहीं है.''
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत दूसरे जिलों में सरकारी दफ्तर खुल गये हैं
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) April 30, 2020
30 फीसद उपस्थिति और #SocialDistancing के साथ @ndtvindia @ChouhanShivraj @CMMadhyaPradesh @OfficeofSSC @JansamparkMP #coronaupdatesindia #COVID19 pic.twitter.com/MwveAkwnTQ
सरकार ने 30 अप्रैल से सरकारी दफ्तरों को दोबारा खोलने की शुरुआत की है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग, चेहरे पर मास्क लगाना ज़रूरी होगा. संख्या भी 30 फीसद रहेगी. राज्य में सरकारी दफ्तर में डर की वजह भी है, राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमितों में 100 से ज्यादा स्वास्थ्य विभाग और लगभग 40 पुलिसकर्मी थे. मध्यप्रदेश सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन में ढील देना चाहती है, हालांकि राजधानी भोपाल में सरकारी दफ्तर तो खुल गये हैं लेकिन भोपाल, इंदौर, उज्जैन जैसे जिलों में छोटी राहत के लिये भी अभी लंबा फासला तय करना होगा.
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