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This Article is From Apr 25, 2018

छत्तीसगढ़ सरकार की फ्री UPSC कोचिंग पर उठे सवाल

छत्तीसगढ़ में गरीब बच्चों को लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी करवाने सरकार ने निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की

छत्तीसगढ़ सरकार की फ्री UPSC कोचिंग पर उठे सवाल
रमन सिंह (फाइल फोटो).
भोपाल: कोई सरकार गरीब बच्चों को पीएससी, यूपीएससी के लिए कोचिंग कराए वो भी मुफ्त में यकीनन ये अच्छी बात है लेकिन क्या बाज़ार में उस कोचिंग की फीस से ज्यादा पैसा सरकार भर सकती है, अगर भरती है तो क्यों क्या जो बच्चे फीस देकर पढ़ते हैं उनकी गुणवत्ता फ्री में पढ़ने वालों से ख़राब है कि कोचिंग संस्थान उनसे कम पैसा लेता है या फिर ऐसा करना भ्रष्ट्राचार के दायरे में हैं.   
        
छत्तीसगढ़ में गरीब बच्चों को लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी करवाने सरकार ने निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है. मुख्यमंत्री रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव से योजना शुरू हुई, इलाका मुख्यमंत्री का है सो दो साल पहले प्रशासन ने तत्परता दिखाई. निजी कोचिंग सेंटरों से निविदा मंगवाई गई.

उड़ान नाम की संस्था को 100 बच्चों की कोचिंग का ज़िम्मा मिला कोचिंग के लिये 67,000 रू. की राशि सरकार ने स्वीकृत की. हालांकि संस्थान का कहना है उसने निर्धारित से कम फीस ली है. उड़ान के मालिक अंकित अग्रवाल ने बताया एक साल का पैकेज है, प्री-मुख्य, साक्षात्कार की पूरी तैयारी होती है, 78,000 फीस है जीएसटी मिलाकर 90,000 होती है. हमने नॉर्मल फीस से कम रेट कोट किया है, पूरी प्रक्रिया होने के बाद हमें टेंडर मिला है पूरी फीस 90,000 होती है हमने 67000 कोट किया है.
      
लेकिन सवाल ये है कि सरकार ने सरकारी तिजोरी से एकमुश्त प्री और मेंस के पैसे कैसे दिये.क्योंकि बग़ैर प्री पास किये, मैंस की फीस भरने का मतलब नहीं है और बगैर दोनों के साक्षात्कार होता नहीं. इस मामले में जब आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त तारकेश्वर देवांगन से हमने बात की तो उन्होंने भी गोलमोल जवाब देते हुए कहा  प्री, मेंस इंटरव्यू सबके लिये है ये योजना है, जिन बच्चों ने प्री दिया वो मेंस की तैयारी कर रहे हैं.
     
हालांकि बच्चे कहते हैं मेन्स के लिये वो लगभग 25,000 भरते हैं, प्री के लिये 14500 यानी कुल 39,500 रु. दूसरे संस्थान कह रहे हैं, मुख्य अखबारों में सूचना नहीं दी गई और जो राशि वसूली जा रही है वो भी ज्यादा है. झूलेकर इंस्टीच्यूट के मालिक लेख राम झूलेकर का कहना है 67000 रु. प्रति बच्चे दिया जा रहा है, हम तो 20,000-25000 में किताबों दूसरे मैटेरियल के साथ कोचिंग करवाते हैं.
       
सरकार कह रही है उसने एक्सीलेंस के आगे जेब नहीं देखी. शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहा टेंडर हुए थे, अलग अलग संस्थाओं ने भाग लिया था. जितनी अच्छी संस्थाओं का चयन करेंगे उतनी अच्छी शिक्षा मिलेगी. जो प्रेजेंटेशन दिया उसके माध्यम से ठेका मिला. भ्रष्टाचार का कोई विषय नहीं है जिसने भाग लिया प्रस्तुत किया जो बेहतर लगा उसे पढ़ाने का जिम्मा मिला. 
     
वहीं कांग्रेस इस पूरे मामले में गंभीर अनियमितता के आरोप लगा रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने कहा गर्वेनेंस को छोड़कर ये सरकार सब करती है. प्राइवेट कोचिंग से ज्यादा पैसा सरकार दे रही है. ये महज नाटक है, जनता को छला है प्राइवेट में जो फीस है उससे ज्यादा सरकार दे रही है.
         
फिलहाल राज्य में ऐसे 5 सेंटरों में पीएससी और यूपीएएसी के लिये कोचिंग दी जा रही है. हर सेंटर में लगभग 100 बच्चों की फीस सरकारी तिजोरी से भरी जा रही है.
       
नीति आयोग के मुताबिक देश को पीछे ले जाने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शुमार है. राष्ट्रीय स्तर पर 20-24 साल के जो नौजवान उच्च शिक्षा हासिल करते हैं, उनकी तादाद छत्तीसगढ़ में लगभग 7 फीसद कम है ऐसे में सरकार की पहल तो अच्छी है लेकिन उसमें भ्रष्टाचार के आरोप उसकी गंभीरता पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं.

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