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This Article is From Jul 26, 2017

EXCLUSIVE : शवों को ले जाने के लिए मिलते नहीं वाहन, मध्यप्रदेश में गाय के लिए एंबुलेंस

मध्यप्रदेश सरकार ने घायल या मृत गाय के लिए हाईटेक एंबुलेंस की योजना बनाई

EXCLUSIVE : शवों को ले जाने के लिए मिलते नहीं वाहन, मध्यप्रदेश में गाय के लिए एंबुलेंस
प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल: मध्यप्रदेश में मरीज, घायल, मृतकों के लिए एंबुलेंस या शव वाहन मिले ना मिले, सरकार घायल गाय या मृत गायों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने में जुटी है. बाकायदा इसके लिए प्रस्ताव मंडी बोर्ड को चला गया है. शुरुआत में तीन जिलों में एंबुलेंस सेवा चलेगी बाद में पूरे राज्य में.
     
15 जून को मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर के जिला अस्पताल में एक पिता अपने 6 साल के बेटे की लाश पोस्टमॉर्टम रूम तक मोटरसाइकिल में ले गया. 21 जुलाई को सिद्दीकीगंज में एक शख्स का शव गांव वालों को खाट पर ले जाना पड़ा. शव के साथ संवेदनहीनता की इस तरह की तस्वीरें देशभर से आती हैं.

बहरहाल सरकारें इंसान के शव और सड़क पर किसी घायल के इलाज को लेकर सोचे न सोचे, मध्यप्रदेश सरकार ने घायल या मृतक गाय को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए हाईटेक एंबुलेंस की व्यवस्था कर ली है. इसके लिए बाकायदा योजना भी बन गई है, जिसकी शुरुआत पहले प्रदेश के तीन जिलों जबलपुर, रीवा और महू से होगी. एम्बुलेंस में डॉक्टर, असिस्टेंट तैनात रहेंगे. अस्पताल में कॉल करते ही गाड़ी घटनास्थल पर पहुंचेगी. मौके पर मवेशियों का इलाज होगा, जो गंभीर हालत में होगी उन्हें अस्पताल लाया जाएगा. यह सेवा नि:शुल्क होगी, बाद में हर जिले में कॉल सेंटर खोलकर यह सुविधा दी जाएगी.

VIDEO : मध्य प्रदेश में एंबुलेंस में जाएंगी गाय  

  
इस योजना के सूत्रधार कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन को लगता है गौमाता के लिए यह जरूरी है. बिसेन से जब हमने कहा यह सवाल इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि इंसानों के लिए व्यवस्था नहीं है, इस पर उनका जवाब था गौमाता कम है क्या,  इंसान के लिए इंतज़ाम का ज़िम्मा हेल्थ डिपार्टमेंट का है, मेरे महकमे का यह काम है.
     
कांग्रेस को लगता है सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं, उसका एजेंडा कहीं और से संचालित हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा मध्यप्रदेश में हालत यह हैं कि कहीं डंडे में कहीं साइकिल पर शव ला रहे हैं, प्रदेश में ये एंबुलेंस सेवा शुरू करेंगे तो एक और रैकेट खड़ा हो जाएगा. मुख्यमंत्री अपने घर में गायों को क्यों नहीं रख लेते.

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योजना की शुरुआत की जबलपुर वैटनरी यूनिवर्सिटी के पास रोज गाय के इलाज के लिए आ रहे मामलों से हुई. विश्वविद्यालय ने मवेशियों के लिए एम्बुलेंस का प्रस्ताव रखा जिसे मंत्रीजी ने स्वीकार कर मंडी बोर्ड को भेज दिया. देश में 2012 के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा एक करोड़, 96 लाख गायें मध्यप्रदेश में हैं, लोगों की आबादी 7 करोड़ के आसपास. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के हाल बेहाल हैं. डॉक्टरों की कमी के साथ-साथ सुविधाओं का भी अभाव है,108 में कर्मचारी हड़ताल पर हैं, शव ले जाने के लिए वाहन नहीं मिलता ऐसे में सरकार की प्राथमिकता में पहले गाय के आने पर कई सवाल उठ रहे हैं.

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