मध्यप्रदेश के इंदौर में एक दलित महिला (Dalit Women) के शव का अंतिम संस्कार पर विवाद इसलिए खड़ा हो गया क्योंकि गांव के रसूखदार ऐसा नहीं चाहते थे. इसके बाद दलित समुदाय के लोग शव को रखकर धरने पर बैठ गए फिर प्रशासन के आने के बाद मामला शांत हुआ और सरकारी जमीन पर महिला के शव का दाह संस्कार किया गया.
मामला मध्यप्रदेश के इंदौर के देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के चटवाड़ा गांव का है जहां कमला बाई नामक एक दलित महिला का निधन हो जाने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए लोग शमशान घाट पर ले गए लेकिन वहां के दबंगों ने दलितों को ऐसा करने से रोक दिया.
दिन भर चले विवाद के बाद आखिर में प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. जिस महिला के शव को लेकर विवाद उपजा वो महिला बलाई समाज की थी और गांव में कलोता समाज के लोगों का वर्चस्व है जो खुद भी पिछड़ी जाति में शामिल हैं.
देपालपुर के चटवाड़ा गांव में एक दलित महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए लोग शमशान घाट पर ले गए लेकिन दबंगों ने दलितों को ऐसा करने से रोक दिया, महिला बलाई समाज की थी और गांव में कलोता समाज के लोगों का वर्चस्व है जो खुद भी पिछड़ी जाति में शामिल हैं @ndtvindia @ndtv pic.twitter.com/ys3jkxG7Ib
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 11, 2020
चटवाड़ा में हर वर्ग के लिए चार अलग-अलग शमशान बने हुए हैं और दलितों का जहां शमशान हैं उसके पास बड़ा नाला है और बारिश के दौरान वहां हालात बदतर हो चले हैं, बाद में प्रशासन ने चटवाड़ा गांव मुख्य मार्ग पर ग्राम कोटवार की सेवा भूमि पर देर शाम शेड तैयार करवाया और शव का अंतिम संस्कार कर मामले को शांत किया.
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