मध्य प्रदेश में शिवपुरी जिले के फतेहपुर गांव में मदन वाल्मीकि नाम के शख्स को कथित रूप से गोली मारने के आरोप में एक वन रेंजर सहित 14 लोगों पर आईपीसी और एससी / एसटी (अत्याचार निवारण अधिनियम) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. मृतक के परिजनों के मुताबिक पूरा विवाद हैंडपंप से पानी भरने की वजह से शुरू हुआ, हालांकि पुलिस का कहना है कि मामला जातिगत नफरत का नहीं है, क्योंकि कुछ आरोपी खुद वाल्मीकि समाज से हैं.
सरोज वाल्मीकि (मृतक की पत्नी) ने जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उसके मुताबिक दोपहर दो बजे के आसपास उनकी दो बेटियां फतेहपुर के वन चौकी के पास पंप से पानी भरने और बर्तन धोने के लिए गई थीं. इसी दौरान वन विभाग के कुछ अधिकारी वहां पानी भरने के लिए पहुंचे थे. उनपर पानी के कुछ छींटे पड़ गए. जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं. उनमें से एक लड़की अपने घर चली गई और अपने पिता मदन और चाचा पंकज को बुलाकर ले आई. जल्द ही उनके और वन अधिकारियों के बीच झगड़ा शुरू हो गया. जब वाल्मीकि बंधुओं ने भागने का प्रयास किया तो एसके शर्मा नाम के कर्मचारी ने उनपर गोली चला दी, जिससे मदन की मौत हो गई. पंकज के पैर में गोली लगी.
शिवपुरी में वनकर्मियों पर मदन बाल्मीकि को गोली मारने का आरोप, पुलिस का दावा मामला जातिगत नफरत का नहीं, दो आरोप भी बाल्मीकि समुदाय से @ndtvindia @Mayawati @yadavtejashwi @TCGEHLOT @ChouhanShivraj @shailendranrb #Quetta #SachinTendulkar #FATF #ObamaWasBetterAtEverything pic.twitter.com/YfBpFPaI3e
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) February 18, 2020
पंकज ने आरोप लगाते हुए कहा, 'जब हम जंगल में घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां कई अधिकारी थे और उन्होंने हमारे साथ हाथापाई शुरू कर दी. उन्होंने मेरे भाई को मौके पर ही मार दिया. मेरे पैर में गोली लगी है.' करेरा पुलिस थाना प्रभारी राकेश शर्मा ने कहा 'हमने इस संबंध में मृतक की पत्नी सरोज वाल्मीकि द्वारा शिकायतकर्ता के आधार पर 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.' वहीं शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने कहा उनके पिता भी वन विभाग के ही कर्मचारी हैं. झगड़े के कई कारण हैं, कई आरोपी उनके परिचित थे और उनके ही समाज से थे. 10 नामजद और चार आरोपी अज्ञात हैं, जिसमें मुख्य आरोपी सुरेश शर्मा को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. फिलहाल जो फरियादी ने बताया है, उस आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
वन विभाग ने शुरू में कहा था कि क्योंकि ग्रामीणों ने एक वन रक्षक की बंदूक छीनने की कोशिश की, जो अतिक्रमण विरोधी टीम का हिस्सा था, इसी दौरान ये घटना घटी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा है कि वो पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने करैरा पुलिस स्टेशन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद वन रेंजर सुरेश शर्मा सहित 14 लोगों के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है. मामले में अबतक मुख्य आरोपी सहित 5 लोगों की गिरफ्तारी हो गई है.
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