जबलपुर (Jabalpur) में जीवन रक्षक दवा रेमडिसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त दो आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है. उनको 6 माह केन्द्रीय जेल में निरूद्ध किया गया है. दोनों आरोपियों ने स्वतंत्र कार्तिक अग्निहोत्री को कोरोना वायरस संक्रमण में उपयोग होने वाला रेमडिसिविर इंजेक्शन 18 हजार रुपये में बेचा था.
जबलपुर के थाना ओमती में 12 अप्रैल को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के ड्रग इंस्पेक्टर रामलखन पटेल ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था कि 11 अप्रैल को रेमडिसिविर इंजेक्शन न्यू मुनीष मेडिकोज दुकान में कार्यरत सुदामा, एवं नितिन नेलगभग 18 हजार रुपये में स्वतंत्र पत्रकार कार्तिक अग्निहोत्री को बेचा. सुदामा एवं नितिन द्वारा रेमडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने पर उनके विरुद्ध 269,270 भादवि, 53, 57 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 3 महामारी अधिनियम, तथा 3 ईसी एक्ट एवं 5/11 ड्रग कंटोल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके 13 अप्रैल केन्द्रीय जेल जबलपुर में न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था.
दोनों आरोपियों ने जमानत मांगी जिस पर न्यायालय ने जमानत आवेदन पत्र निरस्त कर दिया था. सुदामा बघेल एवं नितिन विश्वकर्मा द्वारा जीवन रक्षक दवा के सम्बंध मे किए गए अपराध को गंभीर प्रकृति का मानते हुए जबलपुर के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने उनके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) 1980 की धारा 3, सहपठित धारा 2 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया. यह प्रकरण जिला दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
जिला दण्डाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने एनएसए के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए दोनों आरोपियों को छह माह के लिए केन्द्रीय जेल जबलपुर में निरूद्ध कराने के लिए आदेश दिया है.
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