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This Article is From Sep 28, 2022

6 साल बाद जागी MP पुलिस! मंच से PM को कहे गए थे अपशब्‍द, शिकायतकर्ता को अब बुलाया बयान दर्ज कराने

वर्ष 2016 में शमशुल हसन बल्ली ने मौजूदा कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ मंच से प्रधानमंत्री को अपशब्द कहने की शिकायत दर्ज कराई थी,

6 साल बाद जागी MP पुलिस! मंच से PM को कहे गए थे अपशब्‍द, शिकायतकर्ता को अब बुलाया बयान दर्ज कराने
भोपाल के इकबाल मैदान में 2016 में मिल्ली काउंसिल ने जलसा-ए-आम का आयोजन किया था
भोपाल:

केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता में है. ऐसे में बीजेपी शासित राज्‍य मध्य प्रदेश में भी आप उम्मीद कर रहे होंगे कि कम से कम प्रधानमंत्री को लेकर कोई शिकायत आए तो सरकार गंभीर होगी. लेकिन मध्य प्रदेश का यह मामला पढ़कर आपको लगेगा कि ये मुगालता ही है. वर्ष 2016 में हजारों लोगों की मौजूदगी में इकबाल मैदान के मंच से प्रधानमंत्री को अपशब्द कहे गए. इस बारे में शिकायत राज्य के मुखिया, पुलिस, गृह मंत्री सबके पास पहुंची लेकिन आलम ये है कि 6 साल बाद शिकायतकर्ता को बयान के लिए बुलाया गया है. शमशुल हसन बल्ली फिलहाल संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. 2016 में वे समाजवादी पार्टी से जुड़े थे. बुधवार को शमशुल भोपाल के शाहजहांनाबाद थाने में बयान दर्ज कराने पहुंचे. वैसे आपको बता दें कि यह मामला आज का नहीं बल्कि 6 साल पुराना है. वर्ष 2016 में बल्ली ने मौजूदा कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ मंच से प्रधानमंत्री को अपशब्द कहने की शिकायत दर्ज कराई थी, उस वक्त मसूद ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल से जुड़े थे. पुलिस ने 2016 में मिली शिकायत पर 2022 में फाइल झाड़-पोंछकर बल्ली को बयान देने बुलाया है.

k2l05mgg शिकायतकर्ता शमशुल हसन बल्‍ली को 6 साल बाद बयान दर्ज कराने के लिए थाने बुलाया गया है 
      
शमशुल हसन बल्‍ली ने कहा, "देश के चुने हुए प्रधानमंत्री को मंच से अपशब्‍द कहे गए. देश के किसी भी दल का नेता हो, वह संविधान से बड़ा कोई नहीं है. वे हमारे चुने हुए प्रधानमंत्री हैं, कोई भी उनके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होना चाहिये. मैंने उस वक्त राज्यपाल, डीजीपी, मुख्यमंत्री सबको शिकायत भेजी थी लेकिन मध्य प्रदेश के कानून की लचर व्यवस्था की वजह से श्यामला हिल्स से शिकायत को थाने आने में 6 साल लगे, यह बेहद शर्म की बात है.  मैं मुख्यमंत्रीजी से मांग करता हूं अब अविलंब कार्रवाई हो. शासन भी फेल है, कहीं न कहीं लचर व्यवस्था की वजह से 6 साल लगे हैं." 
       
बता दें, राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में 2016 में मिल्ली काउंसिल ने जलसा-ए-आम का आयोजन किया, इसमें हजारों की भीड़ जुटी थी. बल्ली की शिकायत थी कि मंच से देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री को अपशब्‍द कहे गए. मसूद अब कांग्रेस से विधायक हैं. इस देरी पर सत्तारूढ़ दल की अपनी दलील है, वहीं अपने नेता के बयान को लेकर विपक्ष की अपनी. बीजेपी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, "ये एक प्रशासकीय प्रक्रिया है. कानून अपना काम करेगा और दोषी को दंडित किया जाएगा. समय लगा, केवल इस आधार पर हम ये नहीं कह सकते कि लापरवाही है. कानून को देखना होता है कि निर्दोष चपेटे में न आए और दोषी को सज़ा मिले. कई बार समय लग सकता है. आगे जांच करके कार्रवाई होगी." वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हाफिज़ ने कहा, "मंच पर तो और लोग भी थे लेकिन कांग्रेस के विधायक हैं इसलिये कार्रवाई की जा रही है ताकि जनता की आवाज को दबाया जा सके. 2018 में जनता, बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखा चुकी थी, अगर सरकार बदले की पॉलिसी अपना रहीहै तो जनता उसे फिर बाहर भेजेगी."

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