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कुल्हाड़ी-बंदूक लेकर घर में घुसे 4 बदमाशों का बेटी ने अकेले किया मुकाबला, ऐसे बचा ली पिता की जान

ये मामला नारायणपुर के झारा गांव की है. 5 अगस्त को शाम 7 बजे ये घटना हुई. पीड़ित का नाम सोमधर कोर्रम है. 4 हमलावर उनके घर में घुस आए थे. धारदार हथियारों से लैस बदमाशों ने सोमधर की गर्दन पर कई वार किए.

कुल्हाड़ी-बंदूक लेकर घर में घुसे 4 बदमाशों का बेटी ने अकेले किया मुकाबला, ऐसे बचा ली पिता की जान
पड़ोसियों ने घायल सोमधर को अस्पताल में दाखिल करवाया.
रायपुर:

अक्सर ऐसा कहा जाता है कि बेटियां अपने पिता के ज्यादा करीब होती हैं. वो अपने पिता के लिए कुछ भी कर सकती हैं. छत्तीसगढ़ की एक बेटी ने इस बात को सही साबित करके दिखाया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर में रहने वाली 17 साल की सुशीला अपने पिता की जान बचाने के लिए अकेले 4-4 हमलावरों के साथ भिड़ गईं. उन्होंने बड़ी दिलेरी से एक हमलावर के हाथ से कुल्हाड़ी छीनकर फेंक दिया और अपने पिता को मौत के मुंह से खींच निकाला. फिलहाल हमले में घायल पिता का इलाज चल रहा है. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है. 

ये मामला नारायणपुर के झारा गांव की है. 5 अगस्त को शाम 7 बजे ये घटना हुई. पीड़ित का नाम सोमधर कोर्रम है. 4 हमलावर उनके घर में घुस आए थे. धारदार हथियारों से लैस बदमाशों ने सोमधर की गर्दन पर कई वार किए. इससे पहले कि हमलावर कुछ और कर पाते, सोमधर की बेटी सुशीला (जो बाहर गई थी) मौके पर पहुंच गई. सुशीला फुर्ती दिखाते हुए तुरंत अपने पिता की मदद के लिए दौड़ पड़ी.
 

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NDTV के साथ बातचीत में सुशीला ने पूरी घटना का जिक्र किया है. उन्होंने बताया, "बदमाशों ने अपना चेहरा गमछे से छिपा रखा था. एक बदमाश ने रेनकोट पहन रखी थी. मैं पहचान नहीं सकी कि वो माओवादी थे या नहीं... मैं किसी काम से बाहर गई थी. शाम को पिता को खाना परोसने के लिए लौटी. तभी मैंने नकाबपोश बदमाशों को पिता को घेरे देखा. वो मेरे पिता पर कुल्हाड़ी से वार कर रहे थे."

सुशीला ने अकेले ही चारों हमलावरों का सामना किया. उन्होंने एक बदमाश के हाथ से कुल्हाड़ी छीन ली. कुल्हाड़ी की मदद से उन्होंने अपने घायल पिता की रक्षा की. इस दौरान चिल्लाते हुए पड़ोसियों को भी बुला लिया. इतने में पड़ोसी के लोग जमा हो गए, जिससे बदमाश भाग खड़े हुए. पड़ोसियों ने घायल सोमधर को अस्पताल में दाखिल करवाया. हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उन्हें जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है. फिलहाल उनकी हालत स्थिर है.

शुरुआत में इसे माओवादी गतिविधियों से जुड़ा हमला बताया जा रहा था. हालांकि, पुलिस ऐसा नहीं मान रही है. दूसरी ओर, परिवार ने इस हमले के पीछे सोमधर के छोटे भाई पर शक जताया है, क्योंकि परिवार में काफी समय से जमीन विवाद चल रहा था. नाराणयपुर के एसपी प्रभात सिंह ने बताया कि पुलिस ने हत्या की कोशिश का मुकदमा दायर कर जांच शुरू कर दी है.

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