फाइल फोटो
नई दिल्ली:
साल 2012 में मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के जरिए अनुबंध पर ग्रेड-II शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के मामले में सीबीआई ने गुरुवार को राज्य सरकार के तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) और 85 अन्य के खिलाफ नया आरोप-पत्र दायर किया. अधिकारियों ने बताया कि भोपाल की विशेष अदालत में दायर आरोप-पत्र में व्यापम के तत्कालीन नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, व्यापम के तत्कालीन प्रधान सिस्टम एनालिस्ट नितिन मोहिंद्रा, 72 अभ्यर्थियों, व्यापम के दो अन्य कर्मियों, शर्मा और 11 बिचौलियों को नामजद किया गया है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में तत्कालीन तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री शर्मा के ओएसडी ओ पी शुक्ला को भी नामजद किया गया.
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, आरोप है कि मोहिंद्रा और त्रिवेदी ने अनुबंध पर ग्रेड-II शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के अंकों को बढ़ाने में मदद की. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पाया कि शर्मा ने त्रिवेदी को परीक्षा नियंत्रक नियुक्त कर दिया जबकि वह इस अहम पद के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची में शामिल थे ही नहीं.
अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेदी ने मोहिंद्रा के जरिए अभ्यर्थियों के अंकों में हेरफेर करके यह एहसान चुकाया. उन्होंने अंकों में हेरफेर इस तरह की जिससे अभ्यर्थियों का चयन तय हो जाए. अभ्यर्थियों की ओर से भरी गई ओएमआर शीटों की फॉरेंसिक जांच में पता चला कि आरोपी अभ्यर्थियों के असल अंक नतीजों में दिख रहे उनके अंकों से काफी कम थे. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने बदले गए अंक-पत्रों का ब्योरा मोहिंद्रा के लैपटॉप से बरामद कर लिया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, आरोप है कि मोहिंद्रा और त्रिवेदी ने अनुबंध पर ग्रेड-II शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के अंकों को बढ़ाने में मदद की. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पाया कि शर्मा ने त्रिवेदी को परीक्षा नियंत्रक नियुक्त कर दिया जबकि वह इस अहम पद के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची में शामिल थे ही नहीं.
अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेदी ने मोहिंद्रा के जरिए अभ्यर्थियों के अंकों में हेरफेर करके यह एहसान चुकाया. उन्होंने अंकों में हेरफेर इस तरह की जिससे अभ्यर्थियों का चयन तय हो जाए. अभ्यर्थियों की ओर से भरी गई ओएमआर शीटों की फॉरेंसिक जांच में पता चला कि आरोपी अभ्यर्थियों के असल अंक नतीजों में दिख रहे उनके अंकों से काफी कम थे. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने बदले गए अंक-पत्रों का ब्योरा मोहिंद्रा के लैपटॉप से बरामद कर लिया है.
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