मध्यप्रदेश की सीमा पर प्रवासी मज़दूर हज़ारों की तादाद में पहुंचे रहे हैं, सबसे अधिक दबाब सेंधवा की सीमा पर बिजासन घाट पर है. जहां हर रोज़ 5 से 6 हजार मजदूर पहुंच रहे हैं. इन श्रमिकों को भोजन, चिकित्सा परीक्षण के बाद निशुल्क बसों के ज़रिये देवास ट्रांजिट पर पहुंचाया जा रहा है. वहां से सागर, छतरपुर, गुना और शिवपुरी बसों से पहुंचाया जाता है. ट्रांजिट से श्रमिकों को उनके जिले में और उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार जैसे राज्यों की सीमा तक पहुंचाया जा रहा है. सरकार का दावा है कि सेंधवा सीमा पर पिछले तीन दिनों में लगभग 15 हजार श्रमिकों को भोजन करवा कर उन्हें बसों के जरिये देवास होते हुए उनके गंतव्य की ओर भेजा गया है.
श्रमिकों की संख्या काफी अधिक होने से बसों की संख्या और फेरे बढ़ाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रमिकों से अपील की है कि वे धैर्य रखें. सबके भोजन और जाने की व्यवस्था सरकार करेगी. उन्होंने पैदल चलने वालों श्रमिकों से भी रूकने की अपील की है. प्रदेश के अब तक 3 लाख 12 हजार 509 श्रमिक वापस आ चुके हैं.
सड़क परिवहन से दो लाख 26 हजार 803 श्रमिक वापस आये हैं. अपर मुख्य सचिव प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आईसीपी केशरी ने जानकारी दी है कि सड़क परिवहन के माध्यम से 22 अप्रैल से 14 मई तक कुल दो लाख 26 हजार 803 श्रमिक वापस लाये गये. इनमें राजस्थान से 50 हजार 908, हरियाणा से 1329, गुजराज से एक लाख 29 हजार 431, उत्तरप्रदेश से 1936, महाराष्ट्र से 39 हजार 281, छत्तीसगढ़ से 3 हजार 865 और दमन एंव दीव से 53 श्रमिक लाये गए हैं. 14 मई तक 72 विशेष श्रमिक ट्रेनों से 86 हजार श्रमिक विभिन्न प्रदेशों से लाए गये हैं. दिल्ली से 1100, गोवा से 1200, गुजरात से 27,694, हरियाणा से 15025, कर्नाटक से 2270, केरल से 2251, महाराष्ट्र से 26,572, पंजाब से 2617 और तेलंगाना से 5777 श्रमिक वापस लाये जा चुके हैं. इसके अलावा अंतर्राज्यीय ट्रेन के माध्यम से 1200 लोग आये हैं. यह सिलसिला लगातार जारी है. अब तक 90 ट्रेनों का रिक्विजिशन भेजा जा चुका है. 15 मई को 9 ट्रेन श्रमिकों को लेकर आएंगी.
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