मध्यप्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता गणेश सिंह ने गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया से कहा कि अगर वे शिवराज सरकार के कैबिनेट में मंत्रियों को पोर्टफोलियो मिलने में 'देरी' के पीछे की वजह हैं तो सिंधिया को इस पर सोचना चाहिए क्योंकि इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जा रहा है. राज्य के सतना से सांसद गणेश सिंह ने कहा कि गैरजरूरी तौर पर देरी हो रही है और इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जा रहा है.
गणेश सिंह ने बयान में कहा, "सिंधिया का राज्य की राजनीति में बड़ा कद है और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी उनका सम्मान करते हैं. उन्हें इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि कहीं उनके चलते पोर्टफोलियो बंटने में देरी तो नहीं हो रही है. लोग शिवराज के नेतृ्त्व में एक अच्छी सरकार देखना चाहते हैं."
गणेश सिंह ने कहा कि पोर्टफोलियो देना पूरी तरह से मुख्यमंत्री का अधिकार है और इसमें हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. शिवराज ने मध्यप्रदेश को विकास की राह दिखाई है, इस तरह उन पर विश्वास करना चाहिए. बता कि शिवराज सरकार के कैबिनेट का दूसरा विस्तार 2 जुलाई को हुआ था. जिसे होने में 3 महीने से अधिक का समय लग गया था. यहां तक कि शपथ ग्रहण के 6 दिन बाद भी मंत्रियों को उनके विभाग की जानकारी नहीं है. माना जा रहा है कि किस मंत्री को क्या विभाग दिया जाए इसे लेकर आम राय नहीं बन पा रही है.
गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी की सत्ता वापसी कांग्रेस के 22 विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद हुई है. ये सभी विधायक सिंधिया खेमे के हैं. विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी. 12 पूर्व कांग्रेस विधायकों को शिवराज सरकार में मंत्री बनाया गया है. साथ ही बीजेपी ने सिंधिया को राज्यसभा भेजा है. राज्य में जल्द उपचुनाव होंगे इसलिए भी मंत्रियों के पोर्टफोलियो वितरण अहम माने जा रहे हैं.
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