उमा भारती (फाइल फोटो)
भोपाल:
व्यापम घोटाला मामले में सीबीआई संविदा शिक्षा परीक्षा वर्ग-3 में गड़बड़ी के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. ये चार्जशीट केंद्रीय मंत्री उमा भारती के लिये राहत बनकर आई है. क्योंकि मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है. मामले में एजेंसी ने 83 उम्मीदवारों समेत 95 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. व्यापम घोटाले को लेकर उमा भारती मुखर थीं, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि संविदा शिक्षा परीक्षा वर्ग-3 में दो उम्मीदवारों की सिफारिश में उमा का नाम भी एक्सेल शीट में है. लेकिन मास्टर माइंड पंकज त्रिवेदी और नितिन मोहिंद्रा ने इस बारे में कुछ नहीं कहा जिससे उमा को क्लीन चिट मिल गई.
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मामले में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि 'निश्चित तौर पर सीबीआई ने जो रिपोर्ट दी है, चार्जशीट में नाम नहीं आता है. इस बात को उमा जी भी पहले से कह रही थीं, हम भी कह रहे थे... ये कांग्रेस आरोप लगा रही थी, जिन पर आरोप थे, उन पर सरकार कार्रवाई कर चुकी थी. सीबीआई ने भी लगभग उसी को माना है.' हालांकि चार्जशीट में 39 नये नामों के अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का नाम भी शामिल है. कई सवाल अब भी बरकरार हैं मसलन एसटीएफ को मिली 1350 शिकायतों में सभी को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया. एक्सल शीट में 4 मंत्रियों का ज़िक्र है, बाकी 3 कौन हैं, सियासत के रसूखदारों के बयान क्यों नहीं लिये गये?
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इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी सवाल उठाते हुए कहा 'बिना पूछताछ किये क्लीन चिट मिलती है तो सवाल उठता है. शुरू से ही मामले में लीपा-पोती हो रही है, फर्जीवाड़ा व्यापम में मेडिकल सीट से ज्यादा नौकरियों में था. उसकी सही से जांच नहीं हो रही है. मुख्यमंत्री को क्लीन चिट मिल गई, उमा भारती को मिल गई. अब बस छोटे लोगों पर कार्रवाई हो जाएगी.' सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जुलाई 2015 में मामला दर्ज किया था.
VIDEO: CBI की चार्जशीट में शिवराज का नाम नहीं
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मामले में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि 'निश्चित तौर पर सीबीआई ने जो रिपोर्ट दी है, चार्जशीट में नाम नहीं आता है. इस बात को उमा जी भी पहले से कह रही थीं, हम भी कह रहे थे... ये कांग्रेस आरोप लगा रही थी, जिन पर आरोप थे, उन पर सरकार कार्रवाई कर चुकी थी. सीबीआई ने भी लगभग उसी को माना है.' हालांकि चार्जशीट में 39 नये नामों के अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का नाम भी शामिल है. कई सवाल अब भी बरकरार हैं मसलन एसटीएफ को मिली 1350 शिकायतों में सभी को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया. एक्सल शीट में 4 मंत्रियों का ज़िक्र है, बाकी 3 कौन हैं, सियासत के रसूखदारों के बयान क्यों नहीं लिये गये?
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इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी सवाल उठाते हुए कहा 'बिना पूछताछ किये क्लीन चिट मिलती है तो सवाल उठता है. शुरू से ही मामले में लीपा-पोती हो रही है, फर्जीवाड़ा व्यापम में मेडिकल सीट से ज्यादा नौकरियों में था. उसकी सही से जांच नहीं हो रही है. मुख्यमंत्री को क्लीन चिट मिल गई, उमा भारती को मिल गई. अब बस छोटे लोगों पर कार्रवाई हो जाएगी.' सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जुलाई 2015 में मामला दर्ज किया था.
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