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This Article is From Jun 26, 2018

मध्य प्रदेश : जांच आयोग ने 8 सिमी आतंकियों के एनकाउंटर को जायज ठहराया, पर नहीं मिले इन सवालों के जवाब

31 अक्टूबर 2016 को भोपाल के सेंट्रल जेल से भागे सिमी के 8 संदिग्धों के एनकाउंटर मामले में जांच आयोग ने एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों को क्लीनचिट दे दी है.

मध्य प्रदेश : जांच आयोग ने 8 सिमी आतंकियों के एनकाउंटर को जायज ठहराया, पर नहीं मिले इन सवालों के जवाब
31 अक्टूबर 2016 को भोपाल के सेंट्रल जेल से भागे सिमी के 8 संदिग्धों के एनकाउंटर में मार गिराया था.
भोपाल:

भोपाल सेंट्रल जेल ब्रेक और एनकाउंटर मामले की जांच के लिए बने जस्टिस एसके पांडे न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में जांच आयोग ने पाया कि दीवारों की ऊंचाई कम होने की वजह से 8 सिमी आतंकी जेल की दीवार फांदने में कामयाब हो पाये थे आयोग ने सिमी आतंकवादियों के एनकाउंटर को सही माना है. लेकिन एनडीटीवी के पास मौजूद रिपोर्ट मैं इस बात का जिक्र भी नहीं की जेल से भागने ओर एनकाउंटर होने के दौरान आतंकवादियों के पास हथियार कहां से आये जिससे पुलिस पर हमला किया गया. एक और बात ये चुप्पी सर्वदलीय थी क्योंकि सदन के बाहर एनकाउंटर को फर्जी करार देने वाली कांग्रेस ने रिपोर्ट पेश होते वक्त चुप्पी साध ली.
     
31 अक्टूबर 2016 को भोपाल जेल से भागे सिमी के आठ आतंकियों के एनकाउंटर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इन आतंकियों पर जेल के सुरक्षाकर्मी की भी हत्या का आरोप लगा था. सरकार ने 7 नवंबर को एक जस्टिस एस के पांडेय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग बनाकर घोषणा की आयोग मामले की जांच कर सारी सच्चाई सामने लाएगा तकरीबन डेढ़ साल बाद आयोग की रिपोर्ट सामने आई।रिपोर्ट में जांच आयोग ने पाया जेल की दीवारों की ऊंचाई कम होने से 8 सिमी आतंकी जेल से भागने में कामयाब रहे. इसका जिम्मेदार आयोग ने दस अधिकारियों कर्मचारियों को मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट में आयोग ने माना तात्कालिक परिस्थितियों में बल प्रयोग जरूरी था. 

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आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों ने जेल से भागने के बाद पुलिस पार्टी पर फायरिंग की और धारदार हथियार से पुलिस पर हमले किये. बाद में पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिससे आतंकी मारे गये. लेकिन जांच आयोग की इस रिपोर्ट में नीचे दिए गए सवालों का कोई जिक्र नहीं है. 

-जेल से भागे कैदी कैसे आचारपुरा गांव पहुचे.
- कैसे उनके पास वो हथियार आये जिससे पुलिस पर उन्होंने फायरिंग की.
- आतंकियों को नये कपड़े किसने और कब दिये.
- सिमी आतंकी बैरक से बाहर कैसे आए?
- टूथब्रश का इस्तेमाल कर बनाई चाबियों से आखिर ताले कैसे खुले और 22 फीट ऊंची मुख्य दीवार को कैसे फांदा गया?
- जेल में सिमी के खूंखार आतंकियों की बैरक की तलाशी होती थी या नहीं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
- सिमी आतंकियों को बैरक में काजू-किशमिश और बादाम कौन पहुंचाता था, इसकी जांच की जिम्मेदारी किसी की थी?
       
इन सवालों के जवाब में जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य कहते हैं ये जेल के बाहर की घटना है. अंदर हथियार मिलने का सवाल ही नहीं है.
जेल मंत्री कह रहे हैं हथियार जेल के अंदर पहुंचने का सवाल ही नहीं है, तो फिर वो जेल के बाहर पहुंचाये गये होंगे यानी मामला गृहमंत्रालय का होगा सो जवाब मांगने हम गृहमंत्री के पास पहुंचे लेकिन सदन के पटल पर रखी गई रिपोर्ट गृहमंत्रालय को मिली तक नहीं. गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा ये जो रिपोर्ट सौंपी गई है वो जेल विभाग को दी गई है, गृह विभाग के पास नहीं है इसलिये मुझे जानकारी नहीं है. जब हमने बताया कि रिपोर्ट तो सदन के पटल पर रखी गयी तब उन्होंने कहा मेरी इस संबंध में कोई बात नहीं हुई है सब लोग विधानसभा में व्यस्त थे जो गृह से संबंधित बिन्दू होंगे वो लिखकर आएंगे तो उसमें जो आवश्यक होगा करेंगे, अभी देखने का मौका नहीं मिला. 
   
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वैसे मंत्रीजी ये सवाल तो रिपोर्ट तैयार करने से पहले गृहविभाग और जेल से पूछे जाने चाहिये थे. पता नहीं आयोग ने क्यों नहीं पूछा. खैर, इस बीच जेलों की सुरक्षा ऑडिट भी कराया गया. लेकिन सुरक्षा के लिए तैयार प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं हुआ. जिस आउटर वॉल पर चढ़कर 8 सिमी आतंकी फरार हुए थे. उस दीवार की ऊंचाई अब तक नहीं बढ़ाई गई है और न ही इलेक्ट्रिक फेंसिंग काम शुरू हो पाया है. मोबाइल फोन जैमर लगाने की बात हुई थी और सुरक्षा में सीआरपीएफ या फिर सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया जाना था, लेकिन ये सभी प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं निकल सके.

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जेल मंत्री अंतर सिंह आर्य ने कहा सिक्योरिटी के लिये 120 पद स्वीकृत किये व्यापम से सिलेक्शन होगा, 11 जेलों में बिजली से फेंसिंग होगी. लेकिन कब ये मंत्रीजी को नहीं पता है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार पूरे मामले में लिप्त है, नेता विपक्ष अजय सिंह ने कहा रिपोर्ट सही नहीं है, सरकार कैसे कहेगी हमने हथियार दिये, कपड़े दिये फिर गोली मार दी, सरकार पूरी तरह से लिप्त है. वैसे सदन के बाहर कैदियों के परिजनों के साथ मुठभेड़ को फर्जी करार देने वाली कांग्रेस रिपोर्ट पेश होती वक्त सदन में मौन धारण कर बैठी रही. बहरहाल, रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पंजाब की तरह मध्यप्रदेश में भी जेल को गृह विभाग के साथ जोड़ दिया जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

VIDEO: भोपाल में हुए 8 सिमी आतंकियों का एनकाउंटर जायज : आयोग
उल्लेखनीय है कि 2016 में भोपाल की जेल से गार्ड की हत्या कर फरार हुए सभी कैदियों को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक एनकाउंटर में मार गिराया था. यह एनकाउंटर भोपाल से 12 किलोमीटर दूर ईंटखेड़ा गांव में हुआ था. कहा गया था कि फरार होने से पहले इन कथित सिमी के आतंकियों ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या की. हत्या के लिए कैदियों ने कोई धारदार वस्तु का इस्तेमाल किया. और फिर चादर के सहारे जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे.इस एनकाउंटर से जुड़े कई वीडियो सोशल साइट्स पर आए और उसके बाद एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने लगे. पुलिस जहां अपने दावों को सही ठहरा रही थी वहीं, मारे गए लोगों के परिजनों के साथ तमाम अन्य लोग पूरे वारदात पर संदेह व्यक्त कर रहे थे. तभी से इस पूरे मामले में जांच की मांग उठी थी.

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