
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार कानून बनाकर निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के युवाओं को 70 फीसदी आरक्षण देगी. मंगलवार में विधानसभा में मंदसौर से बीजेपी विधायक यशपाल सिंह ने राज्य में राेजगार देने को लेकर सवाल पूछा था. इस पर कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच बहस हुई. इसके बाद कमलनाथ ने सदन को यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने कहा निजी क्षेत्रों में राज्य के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी. नई औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन योजना में आरक्षण के प्रावधान रखे गए हैं. कमलनाथ ने बताया कि औद्योगिक इकाई शुरू होने पर इसे लागू किया जाएगा. इसके तहत कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थायी निवासियों को ही देनी होगी.
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कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में कई सालों से यहां के बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है, जो चिंता का विषय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने शपथ लेने के बाद अगले दिन यह घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश के नौजवानों को निजी क्षेत्र में 70 प्रतिशत रोजगार उन उद्योगों को देना होगा, जो सरकार से वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेंगे. मध्यप्रदेश शासन के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने 19 दिसम्बर 2018 को एक आदेश निकाला है जिसमें मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को रोजगार देने का प्रावधान किया है.
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आदेश में स्पष्ट है कि "उद्योग संवर्धन नीति" 2014 (यथा संशोधित 2018) के अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाईयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा. यह प्रावधान आदेश जारी होने के दिनांक प्रारंभ करने वाली इकाईयों पर प्रभावी होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उपरोक्त आदेश के बाद उन्हीं उद्योगों को राज्य शासन वित्तीय एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा जो अपने उद्योग में कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्यप्रदेश के रहवासियों को उपलब्ध करवाएगा.
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इस मामले में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा मप्र में जो उद्योग आएंगे उन्हें 70 फीसद रोज़गार राज्य के युवाओं को देना होगा, ऐसा कोई कानून पूरे देश में नहीं है. वहीं बीजेपी के यशपाल सिसौदिया ने कहा कि सरकार सिर्फ बेरोज़गारों को छलने के लिये शिगूफा छोड़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल में वहां की सरकारें प्रतियोगी परीक्षाओं में एक पेपर अपनी भाषा में रखते हैं. इसके कारण हमारे प्रदेश सहित कई प्रदेशों के लोग अवसर पाने से वंचित हो जाते हैं. मध्यप्रदेश में हम विचार कर रहे हैं कि प्रदेश के लोगों को सरकारी एवं निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्राथमिकता मिले, इसके लिये कानून बनाएंगे.
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