देशभर में पिछले कुछ दिनों से वक्फ बोर्ड काफी चर्चा में है. अब महाराष्ट्र में वक्फ बोर्ड पर कब्जा नीति का आरोप लग रहा है. दरअसल लातूर के किसानों ने वक्फ बोर्ड पर उनकी जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. यहां के 103 किसानों को वक्फ बोर्ड ने नोटिस भेजकर उनकी 300 एकड़ ज़मीन पर अपना दावा ठोका है. वहीं किसान इसे अपनी पुश्तैनी जमीन बता रहे हैं. महाराष्ट्र में इस मामले पर सियासत भड़की हुई है.
किसानों की 300 एकड़ जमीन पर वक्फ का दावा
इस बार वक्फ बोर्ड पर फिर जमीन हड़पने का आरोप लगा है. लातूर के 103 किसानों की करीब 300 एकड़ ज़मीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोका है. इसको लेकर ना सिर्फ बोर्ड के खिलाफ नाराज़गी भड़की है बल्कि सियासत भी गर्मा चुकी है. किसानों ने वक्फ दावे को गलत बताते हुए कह रहे हैं कि बोर्ड उनकी पुश्तैनी जमीन हड़पना चाहता है. जिस पर वो पीढ़ियों से खेती करते आए हैं. नोटिस दिखाकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
वक्फ के दावे पर क्या बोले एकनाथ शिंदे
राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कह दिया कि सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि किसानों की सरकार है, किसानों के साथ हम खड़े हैं, किसी को भी बेघर नहीं होने देंगे. किसी किसान के साथ अन्याय नहीं होगा. वहीं महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भरोसा दिलाया सारी हड़पी ज़मीनें वापस ली जाएंगी. बावनकुले ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने बदमाशी की है, वहां हमारी सारी ज़मीन हड़प ली है, नियम से बाहर हुए ऐसे काम पर कार्रवाई होगी, ज़मीन वापस ली जाएगी, जिस भी समाज की ज़मीन ली है फिर चाहे हिंदू हों, मंदिर ट्रस्ट हों, मुस्लिम हों, दलित हो सबको वापस की जाएगी. वक्फ को ये ज़मीन छोड़नी चाहिए, नहीं तो हमारी सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी.
आईएमआईएम नेता ने क्या कहा
इधर आईएमआईएम के नेता वक्फ के नोटिस को एक तरह से जायज़ बताने की कोशिश कर रहे हैं. आईएमआईएम नेता मुफ़्ती इस्माइल ने कहा कि अगर किसानों के पास मालिकाना हक दावा करने के पेपर है तो बोर्ड नोटिस क्यों देगा. अगर वो सालों से वहां खेती कर रहे हैं, उनके बाप दादा वहां रहते और खेती करते आए हैं लेकिन जमीन वक्फ की हो तो वो जरूर नोटिस देने का अधिकार रखता है और अपनी ज़मीन वापस ले सकता है.
20 दिसंबर को मामले की सुनवाई
स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल में इस मामले पर दो सुनवाई हो चुकी है अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी. दरअसल, वक्फ के ऐसे नोटिसों पर लड़ाई कोर्ट में नहीं बल्कि वक्फ ट्रिब्यूनल में ही लड़ी जाती है. इसलिए मोदी सरकार वक्फ एक्ट में क़रीब 40 बदलाव करना चाहती है पर कांग्रेस सहित विपक्षी दल इसे मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं.
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