उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
- उद्धव ठाकरे के लिए की जा रही लॉबिंग
- प्रोटोकॉल की वजह से ऐसा संभव नहीं
- बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी ने कसा तंज
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मुंबई:
आए दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बरसते शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनके बगल में कुर्सी पाने के लिए लॉबिंग शुरू की है. गौरतलब है कि उद्धव इस हफ्ते खुद दिल्ली आए थे जब पार्टी की तरफ से यह बात आधिकारिक रूप से रखी गई. शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने महाराष्ट्र विधानसभा में यह मांग रखी है कि प्रधानमंत्री के सरकारी कार्यक्रमों में उनके सर्वोच्च नेता उद्धव ठाकरे का यथोचित सम्मान होना चाहिए और इसलिए उद्धव ठाकरे को प्रधानमंत्री के बगलवाली कुर्सी पर ही बिठाया जाए.
गौरतलब है कि शिवसेना की तरफ से ये मांग तब उठाई जा रही थी जब उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य के साथ नई दिल्ली के दौरे पर थे. ऊपरी तौर पर शिवसेना ने इस दौरे को नोटबंदी के परिणामों की चर्चा के लिए बताया. बावजूद इसके उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी का ऐलान करनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बजाए गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाक़ात कर अपनी बात रखी.
शिवसेना की ये शिकायत रही है कि इस से पहले जब भी प्रधानमंत्री के मुंबई में कार्यक्रम हुए तब पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके बगल में बिठाया नहीं गया. फिर चाहे वो डॉ. आंबेडकर मेमोरियल का भूमि पूजन समारोह हो या मेक इन इंडिया के उद्घाटन का कार्यक्रम. अब पार्टी को डर सता रहा है कि कहीं आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री के हाथों होने जा रहे मुंबई मेट्रो के अगले चरण के भूमि पूजन के नियोजित कार्यक्रम में भी प्रोटोकॉल के चलते उद्धव ठाकरे को दर्शकों की पंक्ति में बिठाया जाए. ज्ञात हो कि प्रोटोकॉल के अनुसार महज किसी दल के मुखिया को प्रधानमंत्री के बग़ल में जगह नहीं दी जा सकती.
उधर महाराष्ट्र बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी ने NDTV इंडिया से बात करते हुए शिवसेना की तरफ़ से हो रही लॉबिंग पर कटाक्ष किया है. भंडारी पूछते हैं कि हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करते शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके बगल वाली कुर्सी पाने के लिए इतनी जद्दोजहद क्यों करनी पड़ रही है ये उन्हें खुद सोचना चाहिए.
गौरतलब है कि शिवसेना की तरफ से ये मांग तब उठाई जा रही थी जब उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य के साथ नई दिल्ली के दौरे पर थे. ऊपरी तौर पर शिवसेना ने इस दौरे को नोटबंदी के परिणामों की चर्चा के लिए बताया. बावजूद इसके उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी का ऐलान करनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बजाए गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाक़ात कर अपनी बात रखी.
शिवसेना की ये शिकायत रही है कि इस से पहले जब भी प्रधानमंत्री के मुंबई में कार्यक्रम हुए तब पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके बगल में बिठाया नहीं गया. फिर चाहे वो डॉ. आंबेडकर मेमोरियल का भूमि पूजन समारोह हो या मेक इन इंडिया के उद्घाटन का कार्यक्रम. अब पार्टी को डर सता रहा है कि कहीं आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री के हाथों होने जा रहे मुंबई मेट्रो के अगले चरण के भूमि पूजन के नियोजित कार्यक्रम में भी प्रोटोकॉल के चलते उद्धव ठाकरे को दर्शकों की पंक्ति में बिठाया जाए. ज्ञात हो कि प्रोटोकॉल के अनुसार महज किसी दल के मुखिया को प्रधानमंत्री के बग़ल में जगह नहीं दी जा सकती.
उधर महाराष्ट्र बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी ने NDTV इंडिया से बात करते हुए शिवसेना की तरफ़ से हो रही लॉबिंग पर कटाक्ष किया है. भंडारी पूछते हैं कि हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करते शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके बगल वाली कुर्सी पाने के लिए इतनी जद्दोजहद क्यों करनी पड़ रही है ये उन्हें खुद सोचना चाहिए.
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