
मुंबई की अंडरग्राउंड मेट्रो से तेज़ सफर की सुविधा तो मिली लेकिन मोबाइल नेटवर्क की कमजोर कनेक्टिविटी ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. मुंबई की पहली पूरी तरह अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन 3 के पहले दो हिस्सों में यात्रियों को मोबाइल नेटवर्क (Mumbai Underground Metro Mobile Network Connectivity Down) की बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने 13 मई से मेट्रो के अंदर नेटवर्क सेवा देना बंद कर दिया है, जिससे लोगों को फोन कॉल, इंटरनेट और डिजिटल पेमेंट जैसे जरूरी कामों में काफी परेशानी हो रही हैं.
मेट्रो में नहीं आते मोबाइल नेटवर्क, कैसे करें कॉल
कई यात्री शिकायत कर रहे हैं कि मेट्रो में सफर करते समय न तो कॉल लगती है और न ही UPI पेमेंट हो पाता है, जिससे खासकर कामकाजी लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. मेट्रो चलाने वाली कंपनी MMRCL ने एक खास टेलीकॉम सिस्टम बनाया है, जिसे सभी कंपनियां इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन मोबाइल कंपनियों का कहना है कि इस सिस्टम का किराया बहुत ज्यादा है, इसलिए वे इसे अपनाने में झिझक रही हैं.
जियो के अलावा कोई नेटवर्क सुविधा नहीं
कुछ कंपनियों ने MMRCL को यह सुझाव भी दिया कि जब तक कोई समझौता न हो, वे अपना नेटवर्क फ्री में लगाने को तैयार हैं, जिससे यात्रियों को राहत मिले, लेकिन मेट्रो प्रबंधन ने इसे मंजूरी नहीं दी. फिलहाल मेट्रो लाइन 3 के SEEPZ स्टेशन पर केवल जियो की नेटवर्क सेवा सीमित रूप में उपलब्ध है, लेकिन बाकी सभी स्टेशनों और सुरंगों में नेटवर्क पूरी तरह बंद है.
यात्रियों की सुविधा के लिए MMRCL ने स्टेशनों पर मुफ्त Wi-Fi सेवा शुरू की है, ताकि कम से कम लोग डिजिटल पेमेंट जैसे जरूरी काम कर सकें, लेकिन ट्रेन के अंदर यह सुविधा नहीं है.MMRCL ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार के टेलीकॉम विभाग यानी DOT से बातचीत शुरू कर दी है, ताकि जल्द समाधान निकाला जा सके और सभी कंपनियां नेटवर्क सेवा फिर से शुरू करें.
यात्री परेशान, कब होगा समाधान
मुंबई जैसे बड़े शहर में जहां लाखों लोग रोजाना मेट्रो से सफर करते हैं, वहां सिर्फ मेट्रो चलाना काफी नहीं है, उसमें बेसिक सुविधाएं जैसे मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट भी जरूरी हैं. जब तक टेलीकॉम कंपनियां और मेट्रो प्रशासन किसी समझौते पर नहीं पहुंचते, तब तक यात्रियों को नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ सकता है. मुंबई मेट्रो की एक्वा लाइन यानी लाइन 3 का पहला चरण अक्टूबर 2024 में आरंभ हुआ था, जिसमें आरे से बीकेसी तक अंडरग्राउंड मेट्रो सेवा शुरू की गई थी, और इससे लोगों को पश्चिमी उपनगरों से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स तक सीधे कनेक्टिविटी मिली.
शुरुआत में इस मेट्रो लाइन पर रोज़ाना लगभग 20,000 लोग ही यात्रा कर रहे थे, जबकि अधिकारियों को उम्मीद थी कि रोज़ाना चार लाख तक यात्री इस सेवा का उपयोग करेंगे. इस लाइन का दूसरा चरण, जिसमें बीकेसी से वर्ली तक का हिस्सा शामिल है, 10 मई 2025 को शुरू किया गया, अब यह मेट्रो लाइन और भी ज्यादा इलाकों से जुड़ गई है.
पहले वीकेंड पर 65,000 से ज्यादा यात्रियों ने किया सफर
एक्वा लाइन के इस नए सेक्शन के पहले दिन 32,791 और दूसरे दिन 32,725 यात्रियों ने यात्रा की, जिससे यह साफ हुआ कि इस रूट पर लोगों की दिलचस्पी धीरे-धीरे बढ़ रही है.
सिर्फ पहले वीकेंड (शनिवार और रविवार) में ही लगभग 65,000 से अधिक यात्रियों ने मेट्रो का उपयोग किया, जो दर्शाता है कि यह लाइन अब आम लोगों के लिए काफी उपयोगी बनती जा रही है.इस मेट्रो लाइन से अब शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे सिद्धिविनायक मंदिर और शीतला देवी मंदिर तक लोगों को तेज़ और आरामदायक पहुंच मिल रही है, जिससे श्रद्धालु वर्ग भी बड़ी संख्या में मेट्रो को अपनाने लगा है.
ट्रैफिक से राहत मिली, लेकिन इंटरनेट नहीं चलता
मेट्रो में सफाई, समय की बचत और भीड़ से राहत जैसी खूबियों के कारण यात्रियों ने इसके अनुभव को काफी सकारात्मक बताया और कहा है कि इससे सड़क पर ट्रैफिक से बड़ी राहत मिली है. यात्रियों की सबसे बड़ी शिकायत यह रही है कि इस अंडरग्राउंड मेट्रो में यात्रा करते समय मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से काम नहीं करता, जिससे कॉल करना, मैसेज भेजना या इंटरनेट चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
यात्रियों की इस समस्या को देखते हुए MMRCL ने कुछ प्रमुख स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा शुरू की है, ताकि लोग कम से कम स्टेशन पर रुकते समय इंटरनेट का उपयोग कर सकें. MMRCL अब इस नेटवर्क समस्या को पूरी तरह से हल करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर एक विशेष समाधान की योजना बना रहा है, ताकि सुरंगों के अंदर भी नेटवर्क की सुविधा दी जा सके.
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