महाराष्ट्र के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी है, जिसने 125 से अधिक नगर परिषदों और नगर पंचायतों में सामूहिक रूप से जीत हासिल करके महायुति गठबंधन के प्रभुत्व को मजबूत किया है. पार्षदों और महापौर की कुल 6,859 सीटों में से भाजपा 3000 से अधिक सीटों के साथ आगे है.भाजपा ने महायुति के भीतर और पूरे महाराष्ट्र में अपनी राजनीतिक स्थिति को और मजबूत किया है, जबकि विपक्ष कमजोर रहा और स्थानीय निकाय चुनावों में वापसी करने में विफल रहा.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने भाजपा पर इतना भरोसा दिखाने के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया. वे भाजपा के राज्य कार्यालय में आयोजित विजय उत्सव में बोल रहे थे. भाजपा की जीत का जश्न ढोल बजाकर, फूल फेंक कर और मिठाई बांटकर मनाया गया. यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की नीतियों और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विकास पर आधारित कामों में लोगों के भरोसे की वजह से मिली है.
भाजपा की जीत के मुख्य किरदार बने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस. कार्यकर्ताओं के चुनाव में मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी बड़ी मेहनत की. नगर निगम और नगर पंचायत के चुनाव आम कार्यकर्ताओं के लिए होते हैं. फडणवीस ने राज्य में 50 से ज़्यादा जगहों पर मीटिंग कीं. जिन जगहों पर जाना मुमकिन नहीं था, वहां उन्होंने टेलीफोन और ऑनलाइन के ज़रिए वोटरों से संपर्क किया. चव्हाण ने कहा कि यह जीत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दिन-रात की मेहनत और राज्य के विकास की वजह से मिली है. मुख्यमंत्री फडणवीस के काम को सलाम करते हुए कहा कि यह जीत इसलिए मिली क्योंकि देवेंद्रजी राज्य के कोने-कोने की समस्याओं से वाकिफ हैं और उन्हें दूर करने का हुनर रखते हैं.
इन नतीजों से महा विकास अघाड़ी, खासकर शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टियों को बड़ा झटका लगा है. हालांकि कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन वह विपक्ष में अपने गठबंधन सहयोगियों की तुलना में बेहतर संख्या जुटाने में कामयाब रही.
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