विज्ञापन
This Article is From Aug 25, 2021

Maharashtra: नए केस घटे लेकिन कोरोना से मौतों का आंकड़ा अभी भी ऊंचा, रोजाना जा रही औसतन 141 लोगों की जान

महाराष्‍ट्र में अब भी क़रीब 50,000 ऐक्टिव कोविड मरीज़ हैं. इनमें से क़रीब 50% ऐक्टिव पेशेंट अस्पताल में भर्ती हैं

Maharashtra: नए केस घटे लेकिन कोरोना से मौतों का आंकड़ा अभी भी ऊंचा, रोजाना जा रही औसतन 141 लोगों की जान
महाराष्ट्र में बीते 24 दिनों में यानी एक अगस्त से 24 अगस्त तक 3,407 मौतें रिपोर्ट हुई हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंबई:

Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashtra)में कोरोना महामारी के कारण रोज़ाना औसतन 141 मौतें दर्ज हो रही हैं. जुलाई में मृत्यु दर घटकर 2%  हो गई ई थी जो अब बढ़कर 2.11% हो गई है. रोजाना की इन मौतों में से 85% अहमद नगर,पुणे,सोलापुर,सतारा, सांगली और कोल्हापुर ज़िलों से रिपोर्ट हो रही हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) महाराष्ट्र का कहना है कि ज़्यादातर मौतें कोविड मरीज़ों में खून के थक्के जमने से हो रही हैं.महाराष्ट्र से एक दिन में 288 मौतें रिपोर्ट हुईं, इनमें से 119, चौबीस घंटे में दर्ज मौतें थीं और 169 पहले की.संक्रमण के आंकड़े तेज़ी से नीचे आकर रोज़ाना क़रीब 4000 पर अटक गए है लेकिन चिंता का कारण यह है कि कोविड के कारण मौतें अभी भी 100 से ऊपर बनी हुई हैं.महाराष्ट्र में बीते 24 दिनों में यानी एक अगस्त से 24 अगस्त तक 3,407 मौतें रिपोर्ट हुईं यानी दूसरी लहर शांत होने के दावों के बावजूद, राज्य में रोज़ाना औसतन 141 लोग कोविड से जान गंवा रहे हैं. 

राज्‍य में कोरोना के नए केसों की संख्‍या घटी है लेकिन अब भी क़रीब 50,000 ऐक्टिव कोविड मरीज़ हैं. इनमें से क़रीब 50% ऐक्टिव पेशेंट अस्पताल में भर्ती हैं. इसमें से  6% ICU में हैं, 2.59% वेंटिलेटर पर, 3.58% ऑक्‍सीजन पर हैं. क़रीब 17% मरीज़ों की हालत गम्भीर है. पुणे कोरोना से सबसे प्रभावित ज़िलों में है जहां रोज़ाना 800 से 1000 मामले और हर दिन 25 के क़रीब मौतें दर्ज हो रहीं. पुणे के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड मरीज़ों को देख रहे एक्सपर्ट बताते हैं कि ज़्यादातर मौतें कोविड मरीज़ों के शरीर में खून के थक्के जमने यानी थ्रोम्बोसिस से हो रही हैं. 

IMA महाराष्‍ट्र के प्रवक्‍ता डॉक्‍टर अविनाश भोंडवे कहते हैं, 'पुणे कॉर्पोरेशन और रुरल एरिया में मौतें ज़्यादा हो रही हैं. कोमोर्बिड कंडीशन (कोविड के अलावा दूसरी गंभीर बीमारियां) की वजह से तो मौतें ही रही हैं लेकिन  इससे ज़्यादा चिंता की बात ये है कि 50 से ऊपर और यंग मरीज़ों में हार्ट में या ब्लड सर्क्यलेशन में खून के थक्के जम रहे हैं जिससे ज़्यादा मौतें हो रही हैं. गौर करने वाली बात ये भी है कि मरने वालों में क़रीब 70% ने टीका नहीं लिया है. और कोमोर्बिड लोगों में मौतें दिख रही हैं.'कोविड मौतों में फ़िलहाल एक बात सामान्य दिख रही है, मरने वाले अधिकांश मरीज़ों ने टीका नहीं लिया था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com