Maharashtra :महाराष्ट्र (Maharashtra)के BJP नेता राम कदम ने तालिबान मुद्दे पर बातचीत के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)और और संघ परिवार के खिलाफ मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के बयान पर ऐतराज जताया और उन पर कार्रवाई न करने के लिए राज्य की शिवसेना (Shiv sena) नीत सरकार पर सवाल उठाए हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)प्रवक्ता राम कदम (Ram kadam)ने एक बयान में कहा, 'आज के सामना (शिवसेना के मुखपत्र )समाचार पत्र में महाराष्ट्र में सत्ता में बैठी शिवसेना इस बात को स्वीकार कर रही है कि जावेद अख्तर का बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, वह उनकी बहुत बड़ी गलती है. संघ और संघ परिवार के खिलाफ जिस प्रकार का उनका बयान है, उसे लेकर शिवसेना नेआपत्ति जताई है. कदम ने कहा, 'हमने तो जावेद अख्तर के विरोध में शिकायत दर्ज कराई है. 24 घंटे बीत चुके हैं, शिवसेना को किस बात का इंतजार है कब होगी जावेद अख्तर की गिरफ्तारी? उन पर कार्रवाई करने से आखिरकार शिवसेना को किसने रोका है, यह हम शिवसेना से पूछना चाहते हैं?
कदम ने कहा, 'जिन जावेद अख्तर ने यह बयान दिया है, भारत की भूमि पर कैसा व्यवहार है, यह तो वे देख चुके हैं. यह बयान देने के पूर्व वे काश अफगानिस्तान की भूमि पर जाकर वहां का व्यवहार देखते. अभी भी हम चाहते हैं कि जावेद अख्तर माफी मांगें और माफी नहीं मांगते हैं तो एक बार अफगानिस्तान की भूमि पर जाकर वहां का व्यवहार अनुभव करें, अपने आप वे माफी मांगेंगे.' गौरतलब है कि NDTV के साथ बातचीत में जावेद अख्तर ने कहा था कि इस बात में कोई शक नहीं कि तालिबानी बर्बर है और उनकी करतूतें निंदनीय हैं. इसके साथ ही वे यह जोड़ना नहीं भूले थे कि जो आरएसएस (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP)और बजरंग दल (Bajrang Dal) का समर्थन करने वाले भी ऐसे ही हैं. राज्यसभा सांसद रह चुके जावेद साहब ने कहा था कि देश में मुस्लिमों का एक छोटा सा हिस्सा ही तालिबान का समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथियों की विचारधारा दमनकारी है.
जावेद अख्तर ने कहा था कि तालिबान और 'तालिबान की तरह बनने की चाहत रखने वालों' के बीच अजीबोगरीब समानता है. दिलचस्प बात यह है कि दक्षिणपंथी इसका इस्तेमाल खुद को प्रमोट करने के लिए इस उद्देश्य से करते हैं कि उसी तरह बन सके, जिसका वे विरोध कर रहे हैं. देश के मुस्लिमों की ओर से तालिबान का समर्थन किए जाने संबंधी सवाल कर उन्होंने कहा, 'मुझे उनका बयान शब्दश: याद नहीं है लेकिन कुछ मिलाकर उनकी भावना यह थी कि वे अफगानिस्तान में तालिबान का स्वागत करते हैं. मैं कहना चाहूंगा कि यह हमारे देश की मुस्लिम आबादी को छोटा सा हिस्सा हैं. ' उन्होंने कहा, 'जिन मुस्लिमों से मैंने बात की, उनसे से अधिकतर हैरान थे कि कुछ लोगों ने ऐसे बयान दिए. भारत में युवा मुसलमान अच्छा रोजगार, अच्छी शिक्षा और अपने बच्चों के लिए अच्छा स्कूल चाहते हैं. लेकिन दूसरी तरह कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस तरह की संकीर्ण सोच में विश्वास रखते हैं- जहां महिला और पुरुषों से अलग-अलग व्यवहार होता है और पीछे की ओर ले जानी वाली सोच (regressive thinking)रखी जाती है.. '
जावेद ने कहा था, 'जैसा कि मैंने कहा कि ये लोग थोड़े से हैं, ऐसे में वे जो कहते हैं, कहने दीजिए ये इसमें सफल नहीं होने वाले. 'अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा था कि दुनियाभर में दक्षिणपंथी भी यही चाहते हैं. जैसे तालिबान, इस्लामिक राष्ट्र चाहता है, वहीं ऐसे भी हैं जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं. यह लोग एक जैसे माइंडसेट के हैं फिर चाहे वे मुस्लिम हों, ईसाई, यहूदी या फिर हिंदू. उन्होंने कहा, बेशक तालिबानी बर्बर हैं लेकिन जो RSS, VHP and Bajrang Dal को सपोर्ट कर रहे, वे भी ऐसे ही है. यह देश मूलत: सेक्युलर देश है, यहां की ज्यादातर आबादी सेक्युलर है, ऐसे में तालिबान का विचार किसी भी भारतीय को आकर्षित नहीं कर सकता.
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