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Badlapur Encounter : "मम्मी मुझे कब छुड़ाकर ले जाओगी..." अक्षय शिंदे की मां का आरोप- बेटे को पुलिस ने मारा

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले अक्षय का एनकाउंटर चर्चा (Akshay Shinde Encounter) का विषय बना हुआ है. पुलिस का कहना है कि शिंदे की मौत जवाबी गोलीबारी में हुई, वहीं उसका परिवार पुलिस पर ही आरोप लगा रहा है.

Badlapur Encounter : "मम्मी मुझे कब छुड़ाकर ले जाओगी..."  अक्षय शिंदे की मां का आरोप- बेटे को पुलिस ने मारा
Badlapur Encounter: अक्षय शिंदे की मौत पर सवाल.
बदलापुर, महाराष्ट्र:

महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों से यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर (Badlapur Akshay Shinde Encounter)  के बाद अस्पताल में मौत हो गई.उस पर पुलिस की रिवॉल्वर छीनने का आरोप है. लेकिन उसकी मां इस बात से साफ इनकार कर रही है. अक्षय की मां का कहना है कि ये बात एकदम गलत है. वह ऐसा नहीं कर सकता. मां का आरोप है कि उसके बेटे को पुलिस ने मारा है. तब तक न्याय नहीं मिलेगा, वह बेटे का शव नहीं लेगी.

अक्षय की मां ने कहा कि उसकी जब बात हुई थी तो उसने कहा था कि मम्मी मुझे कब छुड़ाकर लेकर जाओगी. उसने किसी से भी डर की कोई बात नहीं कही थी. अक्षय की मां ने कहा कि पुलिस ने उनको बोला था कि तुम्हारे बेटे ने बहुत बड़ा काम किया है, उसके साथ दो-तीन लोगों को लेकर आना पड़ता है. अक्षय की मां का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को बहुत मारा था. 

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पुलिस वैन का मुआयना, मौके पर फोरेंसिक टीम

अक्षय शिंदे का कल जिस पुलिस वैन में एनकाउंटर हुआ, उसे ठाणे पुलिस मैदान में रखा गया है. मुठभेड़ की जांच के लिए बनी SIT के प्रमुख डीसीपी पराग मनेरे औऱ उनकी टीम ने आज सुबह पुलिस वैन का मुआयना किया. फोरेंसिक टीम भी यहां पहुंची है.  सूत्रों के मुतबिक मौके से फोरेंसिक टीम को 4 खाली कारतूस मिले हैं, जो कल फायर किए गए थे. इसके साथ ही टीम ने वैन से खून के नमूने भी लिए हैं.

अक्षय के शव का आज होगा पोस्टमार्टम

अक्षय शिंदे के शव का रात में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उपस्थिति में पंचनामा किया गया. अक्षय का शव आज मुंबई में जेजे पोस्टमार्टम केंद्र ले लाया जाएगा, जहां डॉक्टरों की टीम शव का पोस्टमार्टम करेगी.दरअसल गोली लगने से हुई मौतों का पोस्टमार्टम जेजे अस्पताल में ही किया जाता है. 

अक्षय की मौत पर सियासी उबाल

 अक्षय की मौत के बाद से राज्य में सियासी उबाल जारी है. जानकारी के मुताबिक सफाईकर्मी अक्षय को एक जांच के सिलसिले में तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था, इस दौरान उसने पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर गोली चला दी. जवाबी  एक्शन में अक्षय को गोली लग गई, उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. लेकिन उसकी मां इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि उसके बेटे ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनी.वह पुलिस पर जानबूझकर गोली मारने का आरोप लगा रही है. 

"वह बंदूक कैसे छीन सकता है"

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले अक्षय का एनकाउंटर चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस का कहना है कि शिंदे की मौत जवाबी गोलीबारी में हुई, उसने एक कांस्टेबल की बंदूक छीनकर पुलिस पर गोलियां चला दी थीं. वहीं विपक्ष का कहना है कि  हथकड़ी लगा हुआ व्यक्ति बंदूक कैसे छीन सकता है. उन्होंने मुठभेड़ का आरोप लगाया है. 

"पुलिस ने आत्मरक्षा में चलाई गोली"

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि इससे पहले विपक्षी दलों ने अक्षय शिंदे को फांसी दिए जाने की मांग की थी, अब वे उसका पक्ष ले रहे हैं और महाराष्ट्र पुलिस की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं. विपक्षी नेताओं का ये कृत्य निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने साफ किया कि पुलिस ने आत्मरक्षा में अक्षय को गोली मारी. उनका कहना है कि विपक्षी दल सरकार की मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना की सफलता से घबरा गए हैं.

अक्षय की मां का गंभीर आरोप

बदलापुर के स्कूल शौचालय में नर्सरी की दो छात्राओं के साथ कथित तौर पर रेप करने वाले अक्षय शिंदे की मौत के बाद विपक्ष ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला बोल दिया है, जिससे राज्य में आक्रोश फैल गया है.  अक्षय शिंदे की गोलीबारी में एक एएसआई घायल हो गया, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है.  आरोपी अक्षय शिंदे की मां और चाचा ने इस घटना को “मुठभेड़” बताकर न्याय की मांग कर रहे हैं.  इस बीच, पीड़ित बच्चियों के वकील ने इसे न्याय की हत्या बताया है. 

स्कूल में बच्चियों से यौन उत्पीड़न का मामला

पिछले महीने, ठाणे जिले के एक स्कूल के शौचालय में शिंदे द्वारा दो बच्चियों का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने के बाद सड़कों और स्थानीय रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. स्कूल ने एक अगस्त को अपने शौचालयों की सफाई के लिए अक्षय शिंदे को एग्रीमेंट के तहत नियुक्त किया था.स्कूल के शौचालय में, 12 अगस्त को दोनों बच्चियों के साथ कथित तौर यौन उत्पीड़न किया गया था. आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. बंबई हाई कोर्ट ने तीन सितंबर को पुलिस से कहा था कि वह एक ‘‘मजबूत'' मामला बनाए और जनता के दबाव में जल्दबाजी में आरोप पत्र दाखिल न करे. 

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