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This Article is From Mar 03, 2023

महाराष्ट्र विधानसभा उपचुनाव BJP और MVA, दोनों के लिए सबक : राजनीतिक विश्‍लेषक

भाजपा के वरिष्ठ नेता माधव भंडारी ने कस्बा पेठ सीट पर अपनी पार्टी की हार को ‘हादसा’ बताया. उन्होंने कहा, ‘हम इस बारे में आत्मावलोकन करेंगे कि हमने कहां गलती की.’’

महाराष्ट्र विधानसभा उपचुनाव BJP और MVA, दोनों के लिए सबक : राजनीतिक विश्‍लेषक
पुणे जिले में कस्बा पेठ और चिंचवड सीट पर 26 फरवरी को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई थी (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंबई:

Maharashtra Assembly Bypolls Result : राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में दो विधानसभा सीट के उपचुनावों के नतीजे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आत्मावलोकन करने और महाविकास आघाडी (MVA) को बेहतर चुनाव परिणामों के लिए एकजुट होने के सबक देते हैं. बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप की मृत्यु हो जाने के कारण पुणे जिले में क्रमश: कस्बा पेठ और चिंचवड सीट पर 26 फरवरी को उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी. गुरुवार को घोषित उपचुनाव परिणामों में कस्बा सीट पर MVA के घटक दल कांग्रेस ने जीत दर्ज की. कांग्रेस के उम्मीदवार हेमंत रासने इस सीट पर विजयी घोषित किये गये. इस सीट पर 1995 से बीजेपी का कब्जा था. वहीं, दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप की पत्नी एवं बीजेपी उम्मीदवार अश्विनी जगताप ने चिंचवड सीट पर जीत दर्ज की. उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विठ्ठल उर्फ नाना काटे को हराया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रत्नाकर महाजन नेकहा कि कस्बा पेठ उपचुनाव के नतीजे ने MVA को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजे स्थानीय और राज्य के मुद्दों पर जनता का फैसला है. इसके अधिक अर्थ निकालने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘इससे यह भी प्रदर्शित हुआ है कि आम मतदाता महंगाई और बेरोजगारी जैसे समकालिक मुद्दों को लेकर चिंतित हैं, जिसका उन्हें अपने दैनिक जीवन में सामना करना पड़ता है.'' महाजन ने कहा कि यह एक गलत धारणा है कि कस्बा ब्राह्मण बहुल विधानसभा सीट है. उन्होंने कहा कि 13 प्रतिशत मतदाता इस समुदाय के हैं, जबकि 60 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा नेता गिरीश बापट लोगों से जुड़ाव रखने के कारण कस्बा सीट से पांच बार विजयी रहे थे, न कि अपनी जाति के कारण. साथ ही, कांग्रेस के पास उनका मुकाबला करने के लिए कोई नेता नहीं था.''

उन्होंने कहा कि यह सोचने के पीछे कोई तर्क नहीं है कि बीजेपी इसलिए हारी कि लोकमान्य तिलक के परिवार की अनदेखी की गई. दिवंगत मुक्ता तिलक, इस परिवार से नाता रखती थीं. उन्होंने कहा कि इस परिवार से नाता रखने वाले कांग्रेस उम्मीदवार रोहित तिलक (कस्बा) विधानसभा सीट पर दो बार पराजित हुए थे. महाजन ने चिंचवड सीट के बारे में कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र में बाहरी और स्थानीय लोगों की मिलीजुली आबादी है क्योंकि यह एक औद्योगिक इलाका है.उन्होंने कहा कि भाजपा के दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप एक स्थानीय नेता थे और उनका लोगों से मजबूत जुड़ाव था. उन्होंने कहा कि चिंचवड में अश्विनी जगताप के लिए सहानुभूति की लहर ने काम किया, लेकिन कस्बा में ऐसा नहीं हुआ. वहां पुणे के मौजूदा सांसद गिरिश बापट ने गंभीर रूप से बीमार रहने के बावजूद अपनी पार्टी के लिए प्रचार किया और मतदान किया.

भाजपा के वरिष्ठ नेता माधव भंडारी ने कस्बा पेठ सीट पर अपनी पार्टी की हार को एक ‘हादसा' बताया. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम इस बारे में आत्मावलोकन करेंगे कि हमने कहां गलती की.''राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कस्बा सीट पर लोगों ने अपने मतों की खरीद-फरोख्त को लेकर अपना गुस्सा प्रकट किया.उन्होंने कहा कि कस्बा उपचुनाव के नतीजे उन पार्षदों को चेतावनी है जो इस वर्ष के अंत में होने वाले नगर निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ दल में शामिल होने की योजना बना रहे हैं.वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक प्रकाश अकोलकर ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे विपक्षी दलों के लिए एक सबक है. उन्होंने कहा, ‘‘इसने यह संदेश दिया कि एकजुट रहने से जीत मिलेगी और बंटे रहने पर हार मिलेगी.'' एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, ‘‘उपचुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ भाजपा को यह संदेश देते हैं वह आत्मावलोकन करे.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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