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शिवसेना के 20 विधायकों की सुरक्षा घटाई गई: फडणवीस और शिंदे के बीच 'आल इज नॉट वेल'!

महाराष्ट्र गृह विभाग ने शिंदे गुट के 20 विधायक, जो की सरकार में मंत्री नहीं हैं, उनकी सुरक्षा वाई+ श्रेणी से घटाकर सिर्फ एक कांस्टेबल कर दी है. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने नाराजगी जताई है.

शिवसेना के 20 विधायकों की सुरक्षा घटाई गई: फडणवीस और शिंदे के बीच 'आल इज नॉट वेल'!
एकनाथ शिंदे और फणडवीस के बीच छिड़ा कोल्ड वॉर.
मुंबई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कोल्ड वॉर नजर आ रहा है. महाराष्ट्र में शिवसेना शिंदे गुट के कुछ विधायकों की वीआईपी सुरक्षा हटाने से इनके बीच की दूरी और बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल गृह विभाग ने महाराष्ट्र में वीआईपी सुरक्षा की समीक्षा के बाद शिवसेना शिंदे गुट, बीजेपी और अजित गुट के विधायकों की Y दर्जे की सुरक्षा हटा दी है. अब इन विधायकों को केवल एक ही सुरक्षा गार्ड मिलेगा. समीक्षा में उन नेताओं की सुरक्षा कम करने का निर्णय लिया गया है, जिनकी जान को कोई खतरा नहीं है. हालांकि गृह विभाग के इस फैसले से शिंदे गुट के कई विधायकों के नाराज होने की खबर है. ऐसा कहा जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में भी यह मुद्दा शिंदे गुट की तरफ़ से उठाया जा सकता है. 

फडणवीस-शिंदे में चल रहा है कोल्ड वॉर-

  • महाराष्ट्र का गृह विभाग सीएम फडणवीस के पास है.
  • गृह विभाग ने 20 से अधिक शिवसेना विधायकों, जो मंत्री नहीं हैं, उनकी सुरक्षा वाई+ श्रेणी से घटाकर सिर्फ एक कांस्टेबल कर दी है.
  • कुछ बीजेपी और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नेताओं को दी गई सुरक्षा भी वापस ली गई.
  • लेकिन शिवसेना नेताओं की संख्या जिनकी सुरक्षा या तो कम कर दी गई है या वापस ले ली गई है, कहीं ज़्यादा है.
  • शिवसेना के विधायकों और सांसदों को ये सुरक्षा अक्टूबर, 2022 में शिंदे के सीएम बनने के कुछ महीने बाद दी गई थी.

फडणवीस और शिंदे के बीच ये चल क्या रहा है?

कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) सेल के होने के बावजूद ‘मंत्रालय' में एक चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की. हालांकि साथ में ये भी कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ ‘किसी बात को लेकर तकरार' नहीं है.

पिछले महीने, शिंदे ने 2027 में कुंभ मेले की तैयारियों पर फडणवीस की बुलाई गई नासिक महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की बैठक में भाग नहीं लिया था. बाद में इस विषय पर शिंदे ने अपनी समीक्षा बैठक की थी.
  • फडणवीस ने रामेश्वर नाईक को सीएम रिलीफ फंड का प्रमुख बनाया था.
  • शिंदे ने अपने करीबी मंगेश चिवटे को ये जिम्मेदारी दे रखी थी.
  • चिवटे के हटाए जाने पर शिंदे ने डिप्टी सीएम मेडिकल एड सेल बना दिया.
  • मंगेश चिवटे को शिंदे ने नए सेल का प्रमुख बनाया.सीएम रिलीफ फंड होने के बावजूद शिंदे ने नया सेल बनाया

शिंदे ने कहा था, “इस सेल की स्थापना नागरिकों की सहायता करने के हमारे सामूहिक प्रयासों में एक कदम आगे है. यह मुख्यमंत्री के ‘वॉर रूम' से जुड़ेगा और इसका उद्देश्य सेवा को और बेहतर करना है, न कि प्रतिस्पर्धी प्रणाली बनाना.” उन्होंने कहा, “हमारे बीच किसी बात को लेकर तकरार नहीं है. हम विकास का विरोध करने वालों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट हैं. जब मैं मुख्यमंत्री था (31 अक्टूबर 2023 को) तब उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने इसी तरह के एक सेल की स्थापना की थी. मैंने बस इसे पुनर्गठित किया है और मेरे लोग इसके संचालन की देखरेख करेंगे.”

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