
- उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिवाली पर अपने गांव सतारा जिले के दरे गांव का दौरा कर खेती में सक्रिय भाग लिया
- शिंदे ने अपने सेब के बगीचे का निरीक्षण किया और पावर टिलर चलाकर खेत की मिट्टी जोतने का काम किया
- उन्होंने कहा कि जब भी वे अपने गांव या दिल्ली जाते हैं, तो विरोधियों को पेट में दर्द की शिकायत होती है
दिवाली पर अपने गांव पहुंचे एकनाथ शिंदे खेती करते हुए नजर आए. उन्होंने कहा, “जब भी दिल्ली पर अपने गांव जाता हूं, विरोधियों के पेट में दर्द होता है.” उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गृह नगर सतारा जिले के दरे गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने अपने सेब के बगीचे का निरीक्षण करते हुए और स्वयं खेती के काम में हिस्सा लिया. वह पावर टिलर चलाते दिखे, जिसका उपयोग खेत की मिट्टी को जोतने के लिए किया जाता है.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस दौरान विरोधियों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब वह अपने गांव आते हैं, तो कई लोगों को "पेट में दर्द" (तकलीफ) शुरू हो जाता है, जिसके लिए उन्होंने 'बाळासाहेब ठाकरे मुफ्त क्लिनिक शुरू किया है.
शिंदे ने कहा कि जब वह दरे गांव आते हैं या दिल्ली जाते हैं, तो विरोधियों के पेट में दर्द होने लगता है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इन 'पेट दर्द' वालों का इलाज करने के लिए उन्होंने बाळासाहेब ठाकरे मुफ्त क्लिनिक शुरू कर दिया है.
NCP(SP) के “काली दिवाली” आंदोलन पर उन्होंने कहा कि विरोधियों के पास अब कोई मुद्दा नहीं है. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सरकार किसानों को बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 32,000 रुपये का पैकेज देगी. उन्होंने दशहरे की रैली में कहा था कि वह किसानों की दिवाली काली नहीं होने देंगे, और उसी के अनुसार पैसे देना शुरू कर दिया है.
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