मथुरा:
मथुरा के जवाहर बाग में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस पर हमले के बाद दो पुलिसवालों समेत 21 लोगों की मौत हो गई है। आइये जानते हैं यहां 2 साल से डेरा डाले हुए और हिंसा पर उतारू लोगों की हकीकत, जिन्होंने प्रशासन की नाक में दम कर दिया।
1 जनवरी 2014 को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से संगठित करीब एक हजार लोगों ने मध्य प्रदेश के सागर से चलकर दिल्ली जंतर-मंतर तक पहुंचने के लिए मथुरा स्थित जवाहर बाग में डेरा डाला था।
कर्मचारियों से होने लगा था विवाद
प्रशासन द्वारा चंद दिन पहले ही इस स्थल को धरना-प्रदर्शन के लिए चिन्हित किया। यहां डेरा जमाने के बाद इन लोगों का जवाहर बाग में स्थापित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों से विवाद होने लगा।
डेरा जमाने वालों ने आम, आंवला, बेर सहित अनेक बाग उजाड़ दिए। ठेकेदार के साथ मारपीट की। आम लोग बाग में जाने से कतराने लगे। डेरा डालने से पहले इन्हें बरेली से खदेड़ा गया था। प्रशासनिक अफसरों ने इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की तो खुद को सत्याग्रही बताने वालों ने उन पर हमला कर दिया।
ये थी मांगें
इन मांगों में भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द करना, वर्तमान करेन्सी की जगह 'आजाद हिंद फौज' करेन्सी शुरू करना, एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री करना शामिल है।
\\\ एक जनवरी 2014 को चले तकरीबन एक हज़ार लोग
\\\ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश के लोग
\\\ सागर से चले थे दिल्ली के लिए
\\\ मथुरा के जवाहर बाग में डेरा डाला
\\\ जवाहर बाग में ज़िला उद्यान अधिकारी का कार्यालय
\\\ कर्मचारियों से विवाद होने लगा
\\\ डेरा जमाने वालों ने आम,आंवला, बेर वगैरह के बाग उजाड़े
\\\ ठेकेदार के साथ मारपीट की भी शिकायत
\\\ लोग इस इलाके में जाने से कतराने लगे
\\\ हटाने की कोशिश पर विवाद बढ़ गया
(इनपुट्स भाषा से भी)
1 जनवरी 2014 को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से संगठित करीब एक हजार लोगों ने मध्य प्रदेश के सागर से चलकर दिल्ली जंतर-मंतर तक पहुंचने के लिए मथुरा स्थित जवाहर बाग में डेरा डाला था।
कर्मचारियों से होने लगा था विवाद
प्रशासन द्वारा चंद दिन पहले ही इस स्थल को धरना-प्रदर्शन के लिए चिन्हित किया। यहां डेरा जमाने के बाद इन लोगों का जवाहर बाग में स्थापित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों से विवाद होने लगा।
डेरा जमाने वालों ने आम, आंवला, बेर सहित अनेक बाग उजाड़ दिए। ठेकेदार के साथ मारपीट की। आम लोग बाग में जाने से कतराने लगे। डेरा डालने से पहले इन्हें बरेली से खदेड़ा गया था। प्रशासनिक अफसरों ने इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की तो खुद को सत्याग्रही बताने वालों ने उन पर हमला कर दिया।
ये थी मांगें
इन मांगों में भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द करना, वर्तमान करेन्सी की जगह 'आजाद हिंद फौज' करेन्सी शुरू करना, एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री करना शामिल है।
\\\ एक जनवरी 2014 को चले तकरीबन एक हज़ार लोग
\\\ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश के लोग
\\\ सागर से चले थे दिल्ली के लिए
\\\ मथुरा के जवाहर बाग में डेरा डाला
\\\ जवाहर बाग में ज़िला उद्यान अधिकारी का कार्यालय
\\\ कर्मचारियों से विवाद होने लगा
\\\ डेरा जमाने वालों ने आम,आंवला, बेर वगैरह के बाग उजाड़े
\\\ ठेकेदार के साथ मारपीट की भी शिकायत
\\\ लोग इस इलाके में जाने से कतराने लगे
\\\ हटाने की कोशिश पर विवाद बढ़ गया
(इनपुट्स भाषा से भी)
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