उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                लखनऊ: 
                                        क़ुरैशियों के संगठन ऑल इंडिया जमायत उल क़ुरैश के अध्यक्ष शिराज क़ुरैशी ने शनिवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से बूचड़खाने बंदी के सिलसिले में हुई मुलाक़ात के बारे में मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि योगी ने आश्वासन दिया है कि किसी के ख़िलाफ़ ग़लत कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन सवाल है कि ग़लत कार्रवाई की परिभाषा कौन तय कर रहा है?
शिराज क़ुरैशी का कहना है कि, "योगी जी से तक़रीबन 35 मिनट तक उनकी बतचीत हुई जिसमें योगी जी ने उन्हें बताया कि अब तक उनके पास कोई भी मुसलमान जो कि मीट के क़ारोबार से जुड़ा है, कोई शिक़ायत लेकर नहीं आया है. लेकिन अब किसी भी वैध रूप से कारोबार चला रहे व्यक्ति के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं होने देंगे.
शिराज क़ुरैशी मीट का काम करने वालों के रहनुमा के तौर पर बुधवार को सीएम योगी से मिले जिसके बाद मीडिया के ज़रिये उन लोगों को आश्वासन देने की कोशिश की जो मीट का कारोबार करते हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले एक हफ़्ते में सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा.
शिराज का कहना है, 'मुसलमानों को बीजेपी या संघ के प्रति रवैया बदलना होगा. लोगों को जाकर अपनी बात रखनी होगी और उन्हें योगी और प्रधानमंत्री मोदी दोनों से ही आश्वासन मिला है कि उनकी हर जगह सुनवाई होगी.'
पिछले एक हफ़्ते में तक़रीबन 13 एक्सपोर्ट हाउस बंद हुए हैं. अगर आंकड़ों की मानें तो कुल 72 सरकारी बूचड़खानों में से 38 उत्तर प्रदेश में हैं. उत्तर प्रदेश का देश के मीट उद्योग में 19 फीसदी का योगदान है जो कि सबसे ज़्यादा है. इंडियन मीट एक्पोर्टर्स के अनुसार चल रही अस्थिरता से प्रदेश को लगभग 11.5 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा. मीट उद्योग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 25 लाख लोग जुड़े हुए हैं जिनमें से तक़रीबन 30 फीसदी लोग सिर्फ़ उत्तर प्रदेश से हैं. लेकिन सवाल यही है कि क्या इन मुलाक़ातों से माहौल बदलेगा?
                                                                        
                                    
                                शिराज क़ुरैशी का कहना है कि, "योगी जी से तक़रीबन 35 मिनट तक उनकी बतचीत हुई जिसमें योगी जी ने उन्हें बताया कि अब तक उनके पास कोई भी मुसलमान जो कि मीट के क़ारोबार से जुड़ा है, कोई शिक़ायत लेकर नहीं आया है. लेकिन अब किसी भी वैध रूप से कारोबार चला रहे व्यक्ति के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं होने देंगे.
शिराज क़ुरैशी मीट का काम करने वालों के रहनुमा के तौर पर बुधवार को सीएम योगी से मिले जिसके बाद मीडिया के ज़रिये उन लोगों को आश्वासन देने की कोशिश की जो मीट का कारोबार करते हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले एक हफ़्ते में सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा.
शिराज का कहना है, 'मुसलमानों को बीजेपी या संघ के प्रति रवैया बदलना होगा. लोगों को जाकर अपनी बात रखनी होगी और उन्हें योगी और प्रधानमंत्री मोदी दोनों से ही आश्वासन मिला है कि उनकी हर जगह सुनवाई होगी.'
पिछले एक हफ़्ते में तक़रीबन 13 एक्सपोर्ट हाउस बंद हुए हैं. अगर आंकड़ों की मानें तो कुल 72 सरकारी बूचड़खानों में से 38 उत्तर प्रदेश में हैं. उत्तर प्रदेश का देश के मीट उद्योग में 19 फीसदी का योगदान है जो कि सबसे ज़्यादा है. इंडियन मीट एक्पोर्टर्स के अनुसार चल रही अस्थिरता से प्रदेश को लगभग 11.5 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा. मीट उद्योग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 25 लाख लोग जुड़े हुए हैं जिनमें से तक़रीबन 30 फीसदी लोग सिर्फ़ उत्तर प्रदेश से हैं. लेकिन सवाल यही है कि क्या इन मुलाक़ातों से माहौल बदलेगा?
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