मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने कठिन सीट से चुनाव लड़ने की वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) की चुनौती को स्वीकार कर लिया है. दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने गेंद राहुल गांधी के पाले में डालते हुए कहा कि जहां से भी मेरे नेता 'राहुल गांधी' कहेंगे मैं लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) लड़ने के लिए तैयार हूं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो दिन पहले छिंदवाड़ा में कहा था कि दिग्विजय को ऐसी सीट से लड़ना चाहिए जहां से कांग्रेस 30-35 साल से नहीं जीती है. सीएम कमलनाथ ने कहा था, 'मैंने उनसे निवेदन किया है कि अगर वह चुनाव लड़ना चाहते हैं तो मप्र की सबसे कठिन सीट से लड़ें, जहां हम पिछले 30-35 साल से नहीं जीते हैं.
धन्यवाद कमल नाथ जी को जिन्होंने मप्र में कॉंग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूँ।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2019
मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से ७७ की जनता पार्टी लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था। चुनौतीयों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहॉं से भी मेरे नेता राहुल गॉंधी जी कहेंगे मैं लोक सभा चुनाव लड़ने तैयार हूँ। नर्मदे हर।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2019
कमलनाथ के इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'धन्यवाद कमलनाथ जी को जिन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमज़ोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया. उन्होंने मुझे इस लायक समझा, इसके लिए मैं उनका आभारी हूं. मैं राघोगढ़ की जनता की कृपा से 77 की जनता पार्टी की लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था. चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है. जहां से भी मेरे नेता राहुल गांधी जी कहेंगे मैं लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार हूं.'
बता दें कि कमलनाथ के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा कि कांग्रेस के लिए कठिन सीटों पर बड़े और मजबूत नेताओं को लड़ना चाहिए. दोनों नेताओं की सियासी सादगी भरी जुगलबंदी को जानकार नई अंदरूनी समीकरण से जोड़ रहे हैं, क्योंकि राजगढ़ जिसे दिग्विजय दो बार उनके भाई लक्ष्मण सिंह 5 बार जीत चुके हैं, उसे छोड़कर वो इंदौर-भोपाल जैसी सीटों पर क्यों लड़े जो कई सालों से बीजेपी के कब्जे में है.
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वहीं, दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि चाहे बात दिग्विजय सिंह की हो, मेरी या मेरे चाचा की हम सब पार्टी के कर्मठ निष्ठावान कार्यकर्ता हैं, जैसा निर्देश होगा हम पालन करेंगे. आप भी उनको अच्छे से जानते हैं दिग्विजय सिंह जी हमेशा जो चुनौती होती है उसे स्वीकार करते हैं.
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बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने क़रीबी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मध्य प्रदेश की किसी मुश्किल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा था, जहां कांग्रेस का वोटबैंक उतना मज़बूत नहीं है. कमलनाथ का इशारा भोपाल, इंदौर और विदिशा लोकसभा सीटों की ओर था. विदिशा सीट पर 1989 (नवासी) के बाद से बीजेपी का क़ब्ज़ा है. वहीं भोपाल सीट पर 1996 से बीजेपी का क़ब्ज़ा है. इंदौर में पिछले 8 बार से बीजेपी की सुमित्रा महाजन जीतती आई हैं. ऐसे में कमलनाथ का आग्रह दिग्विजय के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.
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