कांग्रेस की बंगाल इकाई माकपा से नाराज है क्योंकि दोनों पार्टियां रायगंज और मुर्शिदाबाद लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं जिससे उनके बीच सीट बंटवारे पर बातचीत फंस गई है. इन दोनों सीटों पर माकपा का कब्जा है. ये ही सिर्फ दो सीटें हैं जिन पर वाम मोर्चे का कब्जा है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,‘‘ हम इन दोनों सीटों पर लड़ना चाहते हैं. रायगंज और मुर्शिदाबाद कांग्रेस का गढ़ रहे हैं. माकपा 2014 में चतुष्कोणीय मुकाबले की वजह से जीती थी.'' कांग्रेस के एक अन्य नेता ने बताया कि माकपा को व्यवहारिक होने और उसे यह समझने की जरूरत है कि वह कांग्रेस के समर्थन के बिना ये दोनों सीटें नहीं जीत पाएगी.
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उधर, माकपा इन सीटों को छोड़ने को राज़ी नहीं है. रायगंज से सांसद मोहम्मद सलीम और मुर्शिदाबाद से सांसद बद्रुद्दोज़ा खान इस बार भी इन सीटों से चुनाव लड़ना चाहते हैं. माकपा के एक आला नेता ने कहा,‘‘ये दोनों हमारी सीटें हैं। अगर हम इन सीटों को छोड़ देते हैं तो पार्टी के काडर के मनोबल पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा.'' कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य और अब्दुल मन्नान ने पिछले हफ्ते माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती और रबीन देब के साथ सीट बंटवारे पर कुछ दौर की बातचीत की थी. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सोमेन मित्रा और माकपा के राज्य सचिव सूर्य कांत मिश्रा अगले हफ्ते बातचीत करेंगे.
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