केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि अगर 1971 में पाकिस्तान (Pakistan) को विभाजित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की प्रशंसा हो सकती है तो इस्लामाबाद को पुलवामा आतंकवादी हमले (Pulwama Terror Attack) का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की तारीफ क्यों नहीं हो सकती. राजनाथ सिंह ने अमरावती के नेहरू मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में एक आतंकवादी शिविर पर हवाई हमला करने और इस अभियान में मारे गए आतंकवादियों की संख्या पर प्रश्न खड़े करने पर कांग्रेस की आलोचना की.
साथ ही सिंह ने कहा कि 26 फरवरी को हवाई हमले से पाकिस्तान में बेचैनी है, जो कि समझ में भी आती है. लेकिन भारत के कुछ तबकों में भी इसी प्रकार का माहौल क्यों है? उन्होंने कहा, ‘अगर पाकिस्तान के विभाजन के लिए कार्रवाई करने के लिए देश में इंदिरा की प्रशंसा होती है तो पुलवामा हमले पर पाकिस्तान को जैसे को तैसा जवाब देने के लिए मोदी के कदम की प्रशंसा से भारत में कुछ लोगों को परेशान क्यों होना चाहिए.'
इसके अलावा राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सोमवार को कहा था पिछले चार साल में केंद्र सरकार की ओर से शांति की पेशकश पर जवाब देने में विफल रहने के बाद अलगाववादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई. उन्होंने राज्य के बाहर कश्मीरी छात्रों को सुरक्षा का आश्वासन दिया था और कहा कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों को परामर्श जारी किया गया है. साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को भी उनके साथ खड़े रहने का निर्देश दिया गया है.
सिंह ने जम्मू संसदीय सीट से पार्टी के उम्मीदवार जुगल किशोर के समर्थन में की गई चुनावी रैली में कहा था, 'बातें हो रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलगाववादियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं. हमने कुछ संगठनों को प्रतिबंधित किया है और मैं कहना चाहता हूं कि अगर जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ और सख्त कदम उठाए जाएंगे.' उन्होंने कहा कि केंद्र ने अलगाववादियों तक पहुंचने की कोशिश की और उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया लेकिन उन्होंने इस पर गौर नहीं किया.
(इनपुट- भाषा)
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