विज्ञापन
This Article is From Mar 10, 2019

क्या पीएम नरेंद्र मोदी इस रणनीति से लुभा पाएंगे यूपी की जनता को?

उत्तर प्रदेश भाजपा (BJP) के लिए खास है, क्योंकि पिछले आम चुनाव में पार्टी ने यहां से 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी और केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई थी.

क्या पीएम नरेंद्र मोदी इस रणनीति से लुभा पाएंगे यूपी की जनता को?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल तस्वीर)
लखनऊ:

आम चुनाव (Lok Sabha Election) की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ताबड़तोड़ उद्घाटन और शिलान्यास में जुटे हुए हैं, ताकि मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जा सके. उत्तर प्रदेश भाजपा (BJP) के लिए खास है, क्योंकि पिछले आम चुनाव में पार्टी ने यहां से 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी और केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई थी. यही कारण है कि मोदी फरवरी और मार्च में अबतक राज्य में 102,708 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास या लोकार्पण कर चुके हैं. 

प्रधानमंत्री मोदी ने उप्र की धरती के सियासी महत्व को देखते हुए फरवरी, मार्च में राज्य का तूफानी दौरा किया है. इस दौरान उन्होंने 102,708 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास या लोकार्पण किया है. वह इसके जरिए 2019 के आम चुनाव में 2014 का प्रदर्शन दोहरा कर एक बार फिर केंद्र की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले पीएम मोदी ने 30 दिन के अंदर निपटाए 157 काम

मोदी ने 11 फरवरी को वृन्दावन, मथुरा का दौरा किया था, जहां उन्होंने अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अक्षय पात्र मिड डे मील का 300 करोड़वां भोजन परोसा और इससे सम्बन्धित पट्टिका का अनावरण किया. उसके बाद 15 फरवरी को उन्होंने झांसी में 20,506 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं -बुन्देलखंड के लिए पाइप्ड पेयजल योजना, डिफेंस कॉरिडोर, बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे एवं रेल से जुड़ी लाभकारी व जनकल्याणकारी योजना- का शिलान्यास व लोकार्पण किया था.

प्रधानमंत्री ने 19 फरवरी को वाराणसी में 3,382 करोड़ रुपये से अधिक की 47 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. इसके अलावा 24 फरवरी को उन्होंने गोरखपुर में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत की. हालांकि यह योजना पूरे देश के लिए है. लेकिन गोरखपुर के लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी उन्होंने किया. 

बीजेपी का फैसला: 75 साल से उपर के नेता लड़ सकेंगे चुनाव, लेकिन पार्टी या सरकार में नहीं मिलेगा कोई पद

मोदी तीन मार्च को अमेठी पहुंचे, जहां उन्होंने 538 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया. 

इसके बाद प्रधानमंत्री आठ मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने 380 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली काशी विश्वनाथ धाम परियोजना का शिलान्यास किया.

इसी दिन कानपुर में उन्होंने 1602,0.1989 करोड़ रुपये लागत की 11 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 703,0.056 करोड़ रुपये लागत की छह विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया. वही प्रधानमंत्री ने जनपद गाजियाबाद में 32,513 करोड़ रुपये की 14 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया.

राजनीतिक पार्टियों को निर्वाचन आयोग की सख्त हिदायत: चुनाव प्रचार में सैनिकों और सेना की तस्वीरों का इस्तेमाल न करें

मोदी ने शनिवार को भी शिलान्यास और लोकार्पण की मुहिम जारी रखी. उन्होंने नोएडा सेक्टर 62 मेट्रो सहित 11 परियोजनाओं की शुरुआत की. 

प्रधानमंत्री ने 12,000 करोड़ रुपये लागत वाली खुर्जा पॉवर प्लांट की आधारशिला रखी, जहां से 1320 मेगावाट बिजली पैदा होगी. इसके अलावा उन्होंने 289 करोड़ रुपये लागत से निर्मित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान का उद्घाटन किया.

दरअसल, प्रधानमंत्री उप्र की 80 सीटों को ध्यान में रखकर यहां अपने चुनावी चौसर की बिसात बिछाने में लगे हुए हैं, और पूर्वाचल इस लिहाज से उनके लिए महत्वपूर्ण है. यही कारण है कि बड़ी योजनाओं की शुरुआत उन्होंने यहीं से की है.

राहुल गांधी ने नीरव मोदी को बताया PM मोदी का 'भाई', कहा- दोनों ने देश को लूटा है, दोनों को न्याय का सामना करना होगा

सपा-बसपा गठजोड़ का असर सबसे ज्यादा पूर्वांचल में है. जातियों की गोलबंदी बहुत बड़ा फैक्टर है. ऐसे में मोदी ने उज्‍जवला योजना और किसान निधि सम्मान योजना दोंनों की शुरुआत यहीं से की, क्योंकि सबसे ज्यादा लभार्थी भी यहीं से आते हैं. इससे उन्हें फायदा मिलेगा.

वरिष्ठ राजनीतिक समीक्षक प्रेमशंकर मिश्रा के अनुसार, "2019 में मोदी पुन: प्रधानमंत्री बनने के लिए प्रयासरत हैं. उप्र में 2014 में उनका प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा था और उन्होंने 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी. पांच सालों में समीकरण बदले हैं. मोदी को काम-काज का हिसाब भी देना है."

लोकसभा चुनाव से पहले हो सकता है पुलवामा की तरह एक और आतंकी हमला: राज ठाकरे ने जताई आशंका

उन्होंने कहा, "इस बार उप्र में सपा-बसपा का गठबंधन है. इसलिए मोदी और शाह दोनों उप्र पर खास ध्यान दे रहे हैं. मोदी ने इसके लिए दो फार्मूले अख्तियार किए हैं. एक विकास और दूसरा राष्ट्रवाद. राष्ट्रवाद का मुद्दा पुलवामा हमले के बाद से जोर पकड़ रहा है. योजनाओं के लोर्कापण और शिलान्यास के जरिए वह अपनी विकास वाली तस्वीर मजबूत कर रहे हैं. मोदी को पता है कि केंद्र का रास्ता उप्र से खुलता है."

VIDEO: मंत्री साहब बोले- नरेंद्र मोदी हमारे पापा, हिंदुस्तान के पापा

VIDEO- पीएम मोदी-राहुल गांधी में वार-पलटवार का दौर

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com